पटना: जेडीयू (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) जेडीयू में बागी बने हुए हैं. जेडीयू में 'एकला चलो' के सिद्धांत अपनाए हुए हैं. इससे जेडीयू के सभी नेता उपेंद्र कुशवाहा से काफी खफा हैं. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी अब ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा रविवार को ट्वीट कर कमजोर होती जेडीयू पर बैठक बुलाई है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हम हमेशा इज्जत देते रहे हैं लेकिन अचानक ये सब दो महीने के अंदर शुरू हो गया है. रोज बोलने का मतलब प्रचार करना है. पार्टी में कोई बोलेगा तो प्रचार नहीं होगा. जरूर किसी और के लिए बोल रहे हैं इसलिए प्रचार हो रहा है. उनको जो लगे करें. हम तो तीसरी बार भी एक्सेप्ट किए.


दो बार भागे फिर तीसरी बार आ गए- सीएम नीतीश कुमार


नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर कहा कि वो जो भी बोलें. उनकी जो इच्छा है वो बोलते रहें. हमने सभी को कह दिया है कि उन पर कुछ बोलने की जरूरत नहीं है. पार्टी की स्थिति आप देख रहे हैं. पिछली बार से भी ज्यादा लोगों ने सदस्यता अभियान में हिस्सा लिया. पहले कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन हम इधर (आरजेडी) के साथ आ गए तो परेशानी हो गई. उस पर ध्यान देने की कोई जरूरत नहीं है. हम उनको कितना आगे बढ़ाए. एमएलए बना दिए, पार्टी के लीडर बनाए. वो दो बार भागे फिर तीसरी बार आ गए तो हम क्या बोले. उनको आगे ही बढ़ाए. 


'चले भी जाएं तो जाने दीजिए'


आगे सीएम ने कहा कि वो चले भी जाएं तो जाने दीजिए. उनके जाने से पार्टी को कुछ होने वाला है क्या? आपको तो पता ही है कि हमारी पार्टी को कब नुकसान हुआ था. हम 2017 में जिसके साथ आए उन्होंने हर बार हमारी पार्टी का नुकसान किया. साल 2019 में उनको चुनाव लड़ना था उसके बाद हमने सीट के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. विधानसभा चुनाव के दौरान भी हम लोगों के कैंडिडेट के खिलाफ रहे. सपोर्ट नहीं किए. ये सब ऐसा होता है क्या. इस बार हम लोगों को कोई मतलब नहीं, रहिएगा काम कीजिए तो ठीक है. इसके अलावा हमको कोई मतलब नहीं है.


ये भी पढ़ें: क्या उपेंद्र कुशवाहा के हटने से JDU कमजोर हो जाएगी? इस समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री को दी बड़ी चेतावनी, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट