पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती पर उनकी उपलब्धियां गिनाई. नीतीश कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि देश किस तरह से आजाद हुआ है. पुस्तकों के माध्यम से यह बात पहुंचानी जरूरी है. वे मौलाना आजाद की जयंती पर स्थानीय अधिवेशन भवन में आयोजित शिक्षा दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने जमुई के चिकित्सक डॉ. शंकर नाथ झा (Dr. Shankar Nath Jha) को मौलाना आजाद शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. इस पुरस्कार के तहत ढाई लाख रुपये का चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया.


नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद का देश की आजादी में बड़ा योगदान रहा. आजादी के बाद देश के विभाजन के बाद जो स्थिति उत्पन्न हुई उसे सामान्य बनाने में मौलाना आजाद का काफी योगदान था. मौलाना आजाद साहब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रहे. उसके बाद जब आजादी मिली और दो हिस्सों में देश बंट गया तो उस समय बुरा हाल हो गया था. जब अल्पसंख्यक समाज के लोग पलायन करने लगे थे तो मौलाना आजाद ने ही कहा था कि ये देश आपका है. यहां से क्यों जा रहे हैं?


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देश की आजादी में मौलाना आजाद का काफी योगदान


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद की जयंती पर वृहत स्तर पर शिक्षा दिवस कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया. जब उनकी सरकार अस्तित्व में आई तब उन्होंने इस आयोजन को आरंभ किया था. इस बारे में उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर मौलाना आजाद की जयंती पर शिक्षा दिवस कार्यक्रम का आयोजन होने लगा.


आगे नीतीश कुमार ने कहा कि मौलाना आजाद का देश की आजादी में काफी योगदान रहा है. देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने काफी काम किया है. बिहार में हम लोगों ने स्कूली बच्चों को मौलाना आजाद के जीवन के बारे में बताना शुरू किया है. आज की नई पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि देश किस तरह से आजाद हुआ है.



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