पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने ग्रामीण पथों के संबंध में जानकारी दी. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सड़कों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से रखरखाव करना भी हमारा उद्देश्य है.


पथों का मेंटेनेंस विभाग की ओर से ही कराएं


उन्होंने कहा, " सड़कों की मेंटेनेंस पॉलिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है, ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों की शिकायतों का निवारण हो सके. ऐसे में ग्रामीण सड़कों के निरीक्षण का काम ठीक ढंग से हो, इसके लिए पथों का मेंटेनेंस विभाग की ओर से ही कराएं. विभागीय स्तर पर चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण का काम करें और अनुरक्षण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करें.


मुख्यमंत्री ने कहा, " ऐसा करने से खर्च में भी कमी आएगी और काम की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा. जिन पथों के पांच साल के मेनटेनेंस की जिम्मेवारी संवेदकों को दी गई है, उनकी भी लगातार निगरानी करते रहें. इंजीनियर और वरीय पदाधिकारी फील्ड विजिट करते रहें ताकि सड़कों के मेंटेनेंस को लेकर किसी तरह की लापरवाही न हो."


छूटे हुए कामों को तेजी से पूरा करें


मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग आसानी से सफर कर सकें इस बाबत सरकार लगातार काम कर रही है. हर गांव और हर टोले को सड़क से जोड़ा जा रहा है. ऐसे में टोला/बसावटों को संपर्कता प्रदान करने के लिए तेजी से काम करें ताकि कोई टोला/बसावट छूटे नहीं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना और ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के अंतर्गत छूटे हुए कामों को तेजी से पूरा करें. 


उन्होंने कहा कि सड़कों के उन्नयन और उनके चौड़ीकरण के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करें. मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के अंतर्गत बने पुलों का निरीक्षण और मेंटेनेंस तो हो ही, नए निर्मित पुलों, जिनका एप्रोच कार्य बाकी है, उसे भी ठीक कराएं.


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