पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने को लेकर काफी संवेदनशील हैं. इसी का नतीजा है कि सत्ता में आने के बाद से लगातार वो पौधारोपण की ओर ध्यान दे रहे हैं. दरअसल, बिहार से झारखंड के अलग हो जाने की वजह से बिहार का हरित आवरण काफी कम हो गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरियाली मिशन की शुरुआत की, जिसके तहत राज्य भर में पौधारोपण अभियान चलाया गया.
22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया
अब राज्य में पिछले आठ साल से चलाए जा रहे हरियाली मिशन की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद प्रोग्रेस रिपोर्ट दी है. उन्होंने सोमवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, " झारखंड से बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था. 2012 में बिहार में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई और 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया."
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया, " पृथ्वी दिवस, 9 अगस्त 2020 तक 2.51 करोड़ पौधे लगाए जाने के लक्ष्य के विरुद्ध 3.47 करोड़ पौधे लगाये गए. अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत हो गया है और 17 प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है."
मालूम हो कि राज्य में हरियाली बनी रही इसके लिए उन्होंने सात निश्चय योजना पार्ट-1 में जल,जीवन, हरियाली योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत राज्य भर में युद्धस्तर पर पौधारोपण किया गया. वहीं, सात निश्चय पार्ट-2 में भी हरियाली को लेकर योजना की घोषणा की गई है, जिसपर काम किया जा रहा है. नीतीश कुमार को कई मौकों पर पौधरोपण और राज्य के हरित आवरण पर बात करते सुना गया है. उनकी बातों से ये स्पष्ट पता चलता है कि वे इस मुद्दे पर कितने गंभीर और सक्रिय हैं.
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