पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में सर्व सम्मत से आरक्षण संशोधन बिल-2023 गुरुवार को पास हो गया. इसकी चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच हल्की नोक झोंक भी हुई. जीतन राम मांझी पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) काफी नाराज दिखे. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये क्या बोल रहे हैं. कुछ समझ में नहीं आ रहा है. इनको कुछ आइडिया है? ये तो मेरी गलती है कि इस आदमी को मुख्यमंत्री बना दिए. मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बन गए. कुछ भी ऐसे ही बोलते रहते हैं. इनको कोई सेंस नहीं है. ये उधर (बीजेपी) थे. इसके बाद इधर आ गए.


'ये गर्वनर बनना चाहते हैं'


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2013 में जब मुख्यमंत्री पद छोड़ दिए थे तो जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिए. दो महीना बाद पार्टी के लोग कहने लगे कि गड़बड़ है फिर बाध्य करने के बाद मुझे मुख्यमंत्री बनना पड़ा. ये कहते रहते हैं कि मुख्यमंत्री रहे हैं. ये कोई काम के नहीं हैं. ये गर्वनर बनना चाहते हैं. आगे बीजेपी के नेताओं से उन्होंने कहा कि इन्हें गर्वनर क्यों बना देते हैं. इनके परिवार के लोग भी खिलाफ हैं.


जीतन राम मांझी ने सीएम को दिया जवाब


जीतन राम मांझी ने कहा कि जमीन पर सरकार का कोई फैसला सफल नहीं है. जातीय गणना में कई जातियों की आबादी ज्यादा तो कई जातियों की आबादी कम दिखाई गई है. आरक्षण का दायरा बढ़ाने का निर्णय अब हुआ. इसमें भी गड़बड़ी है. आरक्षण पर अपनी बात हम अभी हम सदन में रख रहे थे. नीतीश कुमार की दिमागी हालत ठीक नहीं है. हम पर फायर बेवजह होने लगे. हमको तुम करके बोल रहे थे. वह हमसे जूनियर हैं. बार बार नीतीश कहते हैं कि मांझी को सीएम हम बनाए. जब सीएम के तौर पर हम अपना अच्छे से काम करने लगे तो नीतीश के करीबियों ने नीतीश से कहा कि इसको हटा दीजिए. अच्छा काम कर रहा है. सीएम रह गया तो आपको दिक्कत होगी. तब नीतीश हमको सीएम पद से हटा दिए.


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