पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 17 भवनों का उद्घाटन और पांच भवनों का शिलान्यास किया. इसकी कुल लागत 1087.27 करोड़ रुपये है. इस दौरान सीएम ने कहा कि विभाग के मंत्री एवं अधिकारी ने योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी है. आज 17 भवनों का उद्घाटन किया गया है जिसमें 8 जिलों के अभियंत्रण महाविद्यालय हैं. खगड़िया और बेतिया में पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण हुआ है. सासाराम, छपरा, पूर्णिया, भागलपुर, बख्तियारपुर एवं चंडी के पॉलिटेक्निक संस्थानों में छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कई भवनों का शिलान्यास किया गया है जिसमें भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गुलजारबाग (पटना) और छपरा के पॉलिटेक्निक संस्थानों तथा मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण कराया जाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण करेंगे. इसी साल के अंत तक सभी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवनों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. पहले बिहार में 17 से 23 वर्ष के 13.9 प्रतिशत बच्चे-बच्चियां उच्च शिक्षा प्राप्त करते थे, जबकि देश में यह आंकड़ा 25 प्रतिशत था. हमने लक्ष्य निर्धारित किया था कि 30 प्रतिशत बच्चे-बच्चियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे. 2021 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में यह दर 19.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए नए इंस्टीट्यूशन के निर्माण का निर्णय लिया गया था.
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IIT पटना के लिए उपलब्ध कराई 500 एकड़ जमीन
सीएम नीतीश ने कहा कि जब हम सांसद थे और केंद्र सरकार में मंत्री थे तो देश के कई हिस्सों में जाने का अवसर मिलता था. उस दौरान हम देखते थे कि बिहार के विद्यार्थी वहां पढ़ रहे हैं. जब हमें 2005 में काम करने का मौका मिला तो हमने तय किया कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाएंगे. राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध कराकर अपने खर्चे पर बीआईटी मेसरा के भवन का निर्माण कराया. जब हम अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे, उस दौरान बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना को हमने एनआईटी बनाने के लिए आग्रह किया था और उसके बाद बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एनआईटी का दर्जा मिला. मेरे आग्रह पर ही पटना में आईआईटी का निर्माण कराया गया. उसके लिए राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई. इससे छात्रों को काफी लाभ हो रहा है.
मेडिकल-इंजीनियरिंग में लड़कियों को 35 प्रतिशत का आरक्षण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में बिहार में तीन प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज भी थे, जो लगभग बंद हो गए थे. हमने प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज दरभंगा, गया और मोतिहारी को जाकर देखा और कहा कि हम इसे चलाएंगे. उसी समय हमने इन सभी कॉलेजों को शुरू कराया. नीतीश ने कहा कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज की बिल्डिंग बनाई जा रही है. कुछ जगह बाकी है, जिसे इस साल के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी को मजबूरी में बाहर पढ़ने के लिए नहीं जाना होगा. मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में लड़कियों को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है. मेडिकल यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है.
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