पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पथ निर्माण विभाग की 5024 करोड़ रुपये की 217 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस उद्घाटन काम में 508.98 करोड़ रुपए की गंडक नदी के बंगराघाट पर उच्चस्तरीय पुल और एसएच-78 बिहटा-सरमेरा के 68.50 किमी डुमरी सरमेरा खंड का निर्माण प्रमुख हैं.


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि साल के शुरुआत से ही लगातार वर्षा और कोरोना संक्रमण के दौरान काम में आई बाधाओं के बावजूद कई योजनाओं को पूरा किया है, जिसका उद्घाटन किया गया है. 3516 करोड़ की लागत से 119 योजनाओं का उद्घाटन हुआ है और 1508 करोड़ की लागत से 98 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है.


उन्होंने कहा कि साल 2005 के पूर्व सड़कों के निर्माण की स्थिति क्या थी, ये सभी लोग जानते हैं. साल 2005 में सरकार में आने के बाद हमलोगों ने हर क्षेत्र में काम किया है. कानून का राज कायम किया है. शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में काम करने के साथ सड़क, पुल-पुलियों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया गया है. 15 सालों से लगातार विकास के काम किए जा रहे हैं. साल 2005-10 में विकास के काम किए गए. साल 2010-15 में और ज्यादा विकास के काम हुए और साल 2015-20 में लगातार अधिक से अधिक विकास के कार्य हुए हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2006-07 से 2009-10 तक 6735 किमी, साल 2009-10 से 2014-15 तक 9913 किमी, 2015-16 से 2019-20 तक 10287 किमी राज्य उच्च पथों और वृहत जिला पथों का निर्माण और उन्नयन काम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद साल 2005 से 1 लाख 15 हजार 228 किमी ग्रामीण सड़कों का भी निर्माण तेजी से कराया जा रहा है, जिसमें 96 हजार 417 किमी का निर्माण काम पूरा हो चुका है. जबकि वर्ष 2006 तक मात्र 835 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया था.


मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी क्वालिटी की सड़कें बन रही हैं, इनके मेंटनेंस पर भी निरंतर काम किया जा रहा है. हमलोग सड़क निर्माण ही नहीं करते हैं बल्कि अनुरक्षण नीति के तहत उसका मेंटेनेंस भी करते हैं. सड़कों और पुलों के निर्माण के साथ-साथ उनकी मेंटेनेंस की भी नीति बनायी गई है. ओपीआरएमसी की अवधि अब 5 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है. सड़कों के मेंटेनेंस को लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में लाया गया है. इससे लोगों की शिकायतों का शीघ्र समाधान हो सकेगा और दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती इलाके से सड़क मार्ग से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है और अब 5 घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. किशनगंज, वाल्मिकीनगर के क्षेत्र से अगर पटना 5 घंटे में लोग पहुंच जाएंगे, यह साधारण बात नहीं है. बांका से पटना आने में भी लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण, सड़कों का चैड़ीकरण, अनेक पुल-पुलियों के निर्माण के साथ-साथ एप्रोच सड़कों का निर्माण लगातार कराया जा रहा है. सड़कों और पुलों कीे उच्च गुणवत्ता के साथ ही निर्माण और उसका निरंतर मेंटेनेंस हमलोगों की महत्वपूर्ण नीति है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि आवागमन को आसान बनाने के लिए हर जिला मुख्यालय बाइपास से जोड़े जा रहे हैं इससे ग्रामीण इलाके के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में सुविधा होगी. अधिकांश जिला मुख्यालयों के लिए बाइपास निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, शेष 7 जिला मुख्यालयों के बाइपास निर्माण की स्वीकृति अभी बाकी है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की ओर से कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. कई जगहों पर आरओबी (रोड-ओवरब्रिज) का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. प्रथम चरण में राज्य सरकार की ओर से 34 आरओबी का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है. 58 जगहों पर जहां रेलवे क्रॉसिंग हैं उन्हें चिन्हित कर पथ निर्माण विभाग के की ओर से आरओबी का निर्माण कराया जा रहा है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के बेहतर निर्माण से कृषि कार्य और व्यापार में भी बढ़ोतरी हुई है. किसानों को बाजारों तक अनाज पहुंचाने में सहूलियत हो रही है, जिससे उन्हें उचित दाम मिल रहा है. लोगों की आमदनी भी बढ़ी है. सड़कों की अच्छी स्थिति से गाड़ियों की खरीददारी बढ़ी है. अच्छी सड़कों के साथ बिजली की उपलब्धता से लोगों को रात्रि में भी आवागमन में सुविधा हो रही है.