सीएम नीतीश कुमार को कुर्सी खिसकने का सता रहा है डर, इसी बौखलाहट में की यह कार्रवाई- श्याम रजक
श्याम रजक ने कहा कि हमने मंत्री रहते हुए उनसे अलग-अलग विषयों पर बात किया, उन्हें कई चीजों से अवगत कराया. लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
पटना: जेडीयू से निकाले जाने के बाद बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक सोमवार को आरजेडी में शामिल हो गए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. आरजेडी की सदस्यता ग्रहण करने के पहले एबीपी न्यूज संवाददाता प्रकाश कुमार ने पूर्व मंत्री श्याम रजक से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने पार्टी से उनके निष्कासन को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा, " उन्होंने जो निर्णय किया इससे उनकी छटपटाहट-बौखलाहट दिख रही है. उन्हें कुर्सी खिसकने का डर सता रहा है और इसी बौखलाहट में ये कार्रवाई की गई है. लेकिन ये कार्रवाई न्याय संगत नहीं है."
श्याम रजक ने कहा, " संविधान का कॉपी मेरे पास है जिसमें जदयू के जो नियम हैं, इसमें धारा-19 में यह साफ कहा गया है कि जो राष्ट्रीय परिषद का सदस्य होगा, उस सदस्य को निकाला नहीं जा सकता है और निकालना ही है तो उसे शो-कॉज देना होगा. उसके बाद अनुसाशन समिति उसपर अनुमोदन करेगी. फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष उसपर निर्णय लेंगे."
आरजेडी में शामिल होने के संबंध में उन्होंने कहा, " हम कुर्सी छोड़कर परिवार में नहीं जा रहे हैं, मेरा परिवार रहा है समाजिक न्याय और समाजिक न्याय में पिछड़े दलित ही नहीं सवर्ण वर्ग के लोग जो दबे कुचले हैं, जिनका कोई सहारा नहीं है वह भी आते हैं. उसी परिवार की सुरक्षा और बिहार के विकास के लिए लड़ाई लड़ने जा रहे हैं. कहीं भी समाजिक न्याय के साथ अत्याचार होगा तो हम उसके खिलाफ लड़ेंगे."
तेजस्वी यादव की दावेदारी को लेकर श्याम रजक ने कहा, " दल अगर चाहेगी तो निश्चित रूप से हमारा तन-मन-धन से पूरा समर्थन रहेगा.
उन्होंने कहा, " नीतीश जी आए थे बिहार के विकास के लिए इनके लिए बिहार का विकास ही सर्वोपरि रहा. लेकिन आप आंकलन कर देख ले यहां तो ग्यारह प्रतिशत से ज्यादा खर्च ही नहीं हो पाता है. आप लंबी-लंबी बातें करते हैं कि हमने दो लाख करोड़ का बजट बनाया है, आपने बजट तो बना दिया पर उसका ग्यारह प्रतिशत भी खर्च नहीं हो पाता है."
श्याम रजक ने कहा, " हमने मंत्री रहते हुए उनसे अलग-अलग विषयों पर बात किया, उन्हें कई चीजों से अवगत कराया. लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया. मैं तो काम में विश्वास रखता हूं, मैं उद्योग मंत्री था और इस विभाग में जो बुनकर हुआ करते थे, वो झोपड़पट्टी में रहकर बुनाई करते थे. उनकी स्थिति में सुधार लाया, उसके पहले भी कई विभागों में मैं रहा और इसका आंकलन तो आपको करना चाहिए कि मैंने क्या किया. नीतीश जी ने विकास नहीं किया ये हम नहीं कहेंगे. लेकिन हम कहेंगे कि उन्होंने प्रयास किया होगा लेकिन विकास कितना हुआ इसका आप आंकलन करें."
श्याम रजक ने कहा, " तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं ये बिहार की जनता तय करेगी लेकिन जिस तरह जानता बदहाल है, युवा वर्ग जिस तरह से आक्रोशित है. वो ये अहसास कराता है कि युवा नेतृत्व में लोगो की आस्था जगी है और तेजस्वी युवा नेतृत्व हैं."
उन्होंने कहा, " दलितों पर बराबर अत्याचार हुआ है. चाहे वो चिराग पासवान हो या जीतन राम मांझी हों. ये तो पता नहीं कि दलितों और उनके नेतृत्व के साथ भी किस तरह धोखाधड़ी और छलावा होते रहा है. लेकिन इस बात का अहसास रहा है और जो लोग समाजिक न्याय की लड़ाई लड़ना चाहे, चिराग पासवान एक उदयमान युवा नेता हैं और तेजस्वी जी भी तो हम चाहेंगे कि सभी लोग मिलकर समाजिक न्याय की लड़ाई लड़े. मुख्यमंत्री तो बिहार की जनता और जो जनप्रतिनिधि हैं उनको तय करना है."
श्याम रजक ने कहा, " मुकाबले की बात नहीं तेजस्वी यादव में हर तरह के गुण हैं और गुण का उपयोग बिहार की जनता करेगी और निश्चित रूप से वो युवा नेतृत्व को स्वीकार करेगी और युवा नेतृत्व में तेजस्वी सर्वोत्तम हैं."
उन्होंने कहा, " अफसोस होना या न होना महत्वपूर्ण नहीं है, हम विचारों के साथ रहे किसी व्यक्ति के साथ नहीं रहे. चंद्रशेखर जी के साथ हम उनके शिष्य रहे और जब भी इस तरह के सवाल आया उन्होंने कुर्सी को लात मारने का काम किया है."