(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीएम नीतीश कुमार के तरकश में होंगे लालू यादव के समधी, आरजेडी के एम-वाई समीकरण को साधने की है तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद यादव के समधी और तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय जेडीयू में शामिल होंगे. वहीं उनके साथ पार्टी के दो अन्य विधायक भी जेडीयू का दामन थामेंगे.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को एक सप्ताह के अंदर दूसरा बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है. जेेेडीयू के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार लालू प्रसाद यादव के समधी और तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय जेडीयू में शामिल होंगे. वहीं उनके साथ पार्टी के दो अन्य विधायक भी जेडीयू का दामन थामेंगे.
खबर है कि आरजेडी के विधायक और रामलखन सिंह यादव के पोते जयवर्धन यादव और अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी भी जेडीयू में शामिल होंगे. मिली जानकारी अनुसार इन सभी की कल दोपहर में जेडीयू शामिल होने की संभावना है. बता दें कि इससे पहले भी आरजेडी के तीन विधायक जेडीयू में शामिल हुए थे.
इन विधायकों में महेश्वर हजारी, प्रेमा चौधरी और अशोक कुशवाहा शामिल हैं. अगर आरजेडी छोड़ कर आए विधायकों के जातीय समीकरण देखें तो 6 में से दो विधायक यादव और एक मुसलमान हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण को साधने में जुट गए हैं.
मालूम हो कि आरजेडी ने रविवार को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाकर केवटी एमएलए फराज फातमी समेत पार्टी के 3 एमएलए को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. ऐसे में अपने निष्कासन से नाराज फराज फातमी जो दिग्गज नेता अली असरफ फातमी के बेटे हैं उन्होंने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और मीडिया में पार्टी की जमकर किरकिरी की थी.
फराज फातमी ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था, " ये अल्पसंख्यक समुदाय से वोट तो लेना चाहते हैं, पर उनके लीडर को ये तोड़ना चाहते हैं. इसी क्रम में आज उन्होंने मेरा भी नम्बर लगा दिया है. अब मैं जनता के बीच जाऊंगा और उन्हीं के सलाह पर आगे की रणनीति तैयार करूंगा.''
फराज फातमी ने कहा था, " जानकारी मिली है कि मुझे आरजेडी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. लेकिन इस बात का मुझे कुछ दिन पहले ही अंदेशा लग गया था, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुझे पार्टी मेम्बर ही नहीं माना था. उन्होंने तो मुझे उसी दिन निकाल दिया था, अब और कितने बार निकालेंगे."
फराज फातमी ने कहा था, "मेरे अब्बू जिन्होंने 30 साल तक पार्टी की सेवा की, जब उनकी टिकट पैसे के नाम पर किसी दूसरे को दे दी गई, तो जिस दिन मेरे अब्बू को पार्टी से निकाला गया समझिए उसी दिन मुझे भी निकाल दिया गया था. यह एक षडयंत्र के तहत किया गया है. अभी पार्टी के अंदर मुस्लिम लीडरशिप को क्रश करने को लेकर षडयंत्र चल रही है."