पटना: बिहार में हो रही जातीय गणना पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बिहार सरकार (Bihar Government) को हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन बीजेपी और महागठबंधन के नेता एक-दूसरे पर टिप्पणी कर रहे हैं. बिहार सरकार के वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने जाति आधारित गणना मामले में मंगलवार (22 अगस्त) को बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.


जातीय गणना को लेकर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार अब पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है. पहले तो इन लोगों ने लोकहित याचिकाओं के माध्यम से इस गणना को रोकने की कोशिश पटना हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की, लेकिन उसमें भी लगातार ये लोग असफल होते रहे. सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह कुछ कहना चाहते हैं लेकिन हास्यास्पद बात है कि उन्होंने कहा- "हम इस तरफ या उस तरफ नहीं हैं, लेकिन इस कवायद के कुछ परिणाम हो सकते हैं और इसलिए हम अपना जवाब दाखिल करना चाहेंगे." समझिए कि क्या स्थिति है. सोच लीजिए नरेंद्र मोदी की कितनी धूम-धड़ाके वाली सरकार है.


विजय चौधरी ने कहा कि जाति आधारित गणना नीतीश कुमार की सरकार करवा रहा है तो केंद्र सरकार और बीजेपी इतनी असमंजस में है कि उनको समझ में नहीं आ रहा है कि हम पक्ष में हैं कि पक्ष में हैं. बात साफ है कि बीजेपी और केंद्र सरकार किसी तरह इस मामले को रोकना चाहती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि वह अकारण इसको रोकना नहीं चाहता है.


जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जातिगत सर्वेक्षण की अनुमति देने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से सोमवार (21 अगस्त) को कहा कि वह इस प्रक्रिया पर तब तक रोक नहीं लगाएगा जब तक कि वे (याचिकाकर्ता) इसके खिलाफ प्रथम दृष्टया ठोस आधार नहीं देते.


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