पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व में गठित नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के एक दिन बाद रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के आवास पर उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिगं मामले को लेकर कहा कि एक चुनी हुई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छीनी जा सकती हैं? यह संविधान के खिलाफ है. हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं. हम देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं.


हम केजरीवाल साथ हैं- नीतीश कुमार


नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र है. सभी को एकजुट होना होगा. हम केजरीवाल साथ हैं, ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टी एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा. हम पूरे तौर पर अरविंद केजरीवाल के साथ हैं.


अरविंद केजरीवाल से एक महीने में दूसरी मुलाकात


नीतीश ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने के अपने प्रयासों के तहत केजरीवाल से मुलाकात की. इस दौरान, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे. वहीं, यह नीतीश और केजरीवाल के बीच पिछले लगभग एक महीने में दूसरी मुलाकात थी. बिहार के मुख्यमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के अपने प्रयासों के तहत 12 अप्रैल को केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की थी.


विपक्षी एकजुटता की कवायद में जुटे हैं नीतीश कुमार


बता दें कि विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत नीतीश विभिन्न क्षेत्रीय दलों के प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं, जो अभी ठोस रूप नहीं ले सकी है. नीतीश विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने की किसी भी कोशिश के लिए कांग्रेस को बेहद अहम मानते हैं. वहीं, केजरीवाल उन गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार के शपथ समारोह में नहीं आमंत्रित किया था. इस समारोह को विपक्षी दलों द्वारा विपक्षी एकजुटता के प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया था. 


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