पटना: बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों (वीसी) की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच चल रही खींचतान की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बुधवार (23 अगस्त) को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) से मुलाकात की. बैठक के तुरंत बाद, राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा- "मुख्यमंत्री ने राजभवन आकर राज्यपाल से मुलाकात तथा उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों से संबंधित विषयों पर समाधानपूर्ण विमर्श किया."


मुख्यमंत्री का राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात किया जाना, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति (वीसी) पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने के एक दिन बाद हुआ. विभाग द्वारा मंगाए जा रहे आवेदन की अंतिम तिथि 13 सितंबर है. राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी विज्ञापन में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त निर्धारित की गई है.



बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति सचिवालय ने पटना विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा), कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा), बी एन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (पटना) में कुलपति पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. जबकि शिक्षा विभाग ने मंगलवार को अंतिम दो को छोड़कर केवल पांच के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को छोड़कर, दोनों विज्ञापनों में पदों के लिए नियम और शर्तें लगभग समान हैं.


पहले से ही किस लिए चल रहा टकराव?


बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रतिकुलपति के बैंक खातों को फ्रीज करने (उनमें लेन-देन पर रोक) को लेकर नीतीश कुमार सरकार और राजभवन के बीच पहले से ही टकराव चल रहा है. शिक्षा विभाग ने राजभवन के निर्देशानुसार उक्त विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों के बैंक खातों को फ्रीज करने के अपने पहले के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया.


राज्य शिक्षा विभाग ने 17 अगस्त को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत शैक्षणिक संस्थानों के निरीक्षण में कथित विफलता और विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में भाग नहीं लेने के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रति कुलपति का वेतन रोक दिया. एक दिन बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रमुख सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने संबंधित बैंक को एक पत्र भेजा जिसमें तत्काल प्रभाव से दोनों अधिकारियों और विश्वविद्यालय के खातों में विनिमय पर रोक हटाने का निर्देश दिया गया.


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