Bihar Politics: पाबंदियां लागू कर 'फंसे' CM नीतीश, विपक्ष ने कहा- 'गड़बड़ा' गए हैं मुख्यमंत्री, क्या सभाओं में नहीं है कोरोना का खतरा
जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा, " मुख्यमंत्री का नियम कानून गरीबों परेशान करने वाला होता है. उनकी रैली में हजारों लोगों की भीड़ आ रही है, तो क्या वहां कोरोना नहीं आ रहा है."
पटना: कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. फिर से एक बार प्रतिबंधों को लागू करने का दौर शुरू हो गया है. हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां आम लोगों से घर में रहने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की जा रही है. वहीं, सूबे के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीते 22 दिसंबर से समाज सुधार अभियान के तहत अलग-अलग जिलों में यात्रा कर रहे हैं. शराबबंदी, बाल विवाह व दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के तहत सभाओं का आयोजन हो रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग बिना मास्क के ही शामिल हो रहे हैं.
विपक्ष की पार्टियों ने साधा निशाना
ऐसे में अब इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है. गुरुवार को एबीपी न्यूज ने इस संबंध में विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उनकी राय जानी. इस दौरान आरजेडी (RJD) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने तो यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री 'गड़बड़ा' गए हैं. उन्होंने कहा, " शराबबंदी बिहार में फेल हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट के जज ने भी इसे गलत करार दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री को कानून की समीक्षा करनी चाहिए."
कोरोना को लेकर लगाए गए प्रतिबंध पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह कैसा न्याय है. आम लोगों के लिए पार्क बंद कर दिया गया है. लेकिन मुख्यमंत्री खुद बड़ी सभा कर रहे हैं, क्या वहां कोरोना का डर नहीं है. मुख्यमंत्री जिस तरह मीडिया पर गुस्सा उतार रहे हैं, यह दिख रहा है कि अब वह पूरी तरह से खीज चुके हैं. लगता है मुख्यमंत्री गड़बड़ा गए हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने कही ये बात
वहीं, बीजेपी (BJP) प्रवक्ता विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने कहा कि शराबबंदी समाज के हित के लिए हैं. मुख्यमंत्री जो भी कह रहे हैं, वह लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए कह रहे हैं. हालांकि, जब उनसे कोरोना के मद्देनजर पार्क बंद करने से संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्क में ज्यादा लोग आते हैं, इससे संक्रमण का डर रहता है. मुख्यमंत्री जनता की हित का काम करते हैं और मुझे उम्मीद है नए साल में सभा और रैलियों पर भी मुख्यमंत्री रोक लगा देंगे.
पप्पू यादव ने पूछे ये सवाल
इधर, जन अधिकार पार्टी (JAP) सुप्रीमो पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा, " मुख्यमंत्री का नियम कानून गरीबों परेशान करने वाला होता है. उनकी रैली में हजारों लोगों की भीड़ आ रही है, तो क्या वहां कोरोना नहीं आ रहा है. सिर्फ पार्क में ही कोरोना है. पार्क बंद होने से गरीबों की रोजी-रोटी मार खा गई है. बड़े-बड़े होटलों को क्यों बंद नहीं किया गया? होटलों में तो पार्टी होगी. बाहर से आने वाले लोगों पर अब तक प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, एयरपोर्ट पर कोई टेस्टिंग नहीं की जा रही है.
उन्होंने पूछा कि सिर्फ पार्क बंद कर देने से कोरोना वायरस भाग जाएगा क्या? सरकार गरीबों को परेशान करना जानती है. हालांकि, इस संबंध में जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि सरकार बिहार की जनता के हित में काम कर रही है. मुख्यमंत्री सभी जगह जाकर शराबबंदी को पूरी तरह सफल करने का प्रयास कर रहे हैं. किसी भी सूरत में अब बिहार में शराब चालू नहीं होगा.
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