UCC: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बयान दिए. इस पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि समान नागरिक संहिता संवेदनशील सवाल है. पीएम मोदी ने व्यापक विमर्श की बात कही है. सीएम नीतीश ने वर्षों से पूर्व लॉ कमिशन को पत्र लिखकर इस संदर्भ में चर्चा की है. देश विविधताओं से भरा हुआ, विभिन्न धार्मिक परंपराएं हैं, क्षेत्रीय भावनाए हैं. ऐसी स्थिति में जो स्टेक होल्डर्स हैं उनके बीच आम सहमति बननी चाहिए. एक व्यापक विमर्श की बुनियाद पर ही ऐसे संवेदनशील सवाल का समाधान किया जाना संभव है.


सामान नागरिक संहिता पर पीएम ने क्या कहा?


बता दें पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में सामान नागरिक संहिता पर कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. अनेक बार आदेश दिए हैं क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और उसमें सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर के हम जी रहे हैं वह सिविल कोड एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है. गलत कानूनों की आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है. वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए. हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है.


बीजेपी के एजेंडे में शामिल है सामान नागरिक संहिता 


बता दें सामान नागरिक संहिता (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों हर धर्म, जाति, लिंग के लोगों के लिए एक ही कानून होना. विवाह, तलाक, संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक सा कानून. समान नागरिक संहिता हमेशा से बीजेपी के एजेंडा में टॉप पर रहा है, लेकिन जेडीयू का इस तरह के मुद्दों पर अलग ही स्टैंड रहा है.


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