पटना: बीजेपी (BJP) जाति आधारित गणना (Caste Census) मामले में पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के आदेश के बाद नीतीश सरकार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोल रही है. इस पर जेडीयू (JDU) के प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि विधानमंडल में सर्वदलीय सर्वसम्मति के आधार पर संवैधानिक प्रावधान के तहत जातिगत गणना पर फैसला लिया गया था. इस पर पटना हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में जो निर्देश दिए गए हैं वो निश्चित रूप में तात्कालिक आदेश है. इसका जो राजनीतिक निहितार्थ निकाल रहे हैं तो उस सर्वदलीय फैसले को राजनीतिक चश्मे से जरूर देखना चाहिए.


पटना हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश


बता दें कि जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर गुरुवार (4 मई) को पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि तीन दिन में सुनवाई कर पटना हाई कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश दे. पटना हाई कोर्ट ने आज कहा है कि अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी. तब तक कोई डाटा सामने नहीं आएगा.


जाति आधारित गणना पर आरोप-प्रत्यारोप


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस आदेश पर कहा है कि हाई कोर्ट में नीतीश सरकार ने सही से पक्ष नहीं रखा. इस वजह से हाई कोर्ट रोक लगा दी है. नीतीश कुमार को असंवैधानिक कार्य करने की आदत है. इस आदेश के लिए पूरी तरह से जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ सीएम नीतीश कुमार हैं. वहीं, इस आरोप पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग अगर चाहते हैं कि जाति आधारित गणना हो तो बीजेपी शासित राज्य में क्यों नहीं कर रहे हैं? और केंद्र सरकार ने क्यों मना कर दी. किसी भी बीजेपी शासित प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा, ये तो आरक्षण समाप्त करने और करवाने वाले लोग हैं.


ये भी पढ़ें: Caste Census in Bihar: हाई कोर्ट से नीतीश सरकार को बड़ा झटका! पटना HC ने जातीय जनगणना पर लगाई अंतरिम रोक