पटना: बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में रविवार को हुए हिंसा ने देशभर में नया विवाद खड़ा कर दिया है. विपक्ष के नेता लगातार के केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) को घेर रहे हैं. इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम खत्म होने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए CM नीतीश ने कहा कि हमने अखबारों में देखा है. लोग उसपर कार्रवाई करेंगे. 


सीएम नीतीश बोले, " अखबार में तो देखे ही हैं. एक्शन करेंगे ही. वहां जो कुछ भी हुआ है, उसकी खबर आई ही है. हमने न्यूज पेपर में देखा है. फ्रंट लाइन पर ही सारी बातें थीं. लेकिन वो तो यूपी की बात है. वहां जो कुछ भी हुआ है, लोग देखेंगे ही. उचित कदम उठाना चाहिए. कार्रवाई करनी चाहिए."


बैकफुट पर नहीं आएंगे नीतीश कुमार


जातीय जनगणना पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, " जाति आधारित जनगणना पर अब भी हमारा मत वही है, जो पहले था. हमारी राय है कि जातीय जनगणना होना चाहिए. इस बाबत जो शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिलने गया था, उनके साथ बैठक की जाएगी. बैठक में तय किया जाएगा कि क्या करना है. सब पार्टियों से बात हो ही रही है. लेकिन अभी उपचुनाव है तो पहले ये सम्पन्न हो जाए. फिर बैठक होगी. मुझे विश्वास है कि सभी पार्टी मिलकर सर्वसम्मति से फैसला कर लेंगे."


नीति आयोग की रिपोर्ट पर उठाया सवाल


पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूरे देश को एक ही मानकर चलना तो विचित्र बात है. हेल्थ के मामले में बिहार की स्थिति पहले क्या थी ये सबको पता है. पहले अस्पताल में कुत्ते बैठे रहते थे. आप महाराष्ट्र जैसे धनी राज्य और बिहार को एक कैसे मान सकते हैं. अगली बार नीति आयोग की बैठक होगी और हमें जाने का मौका मिला तो हम नीति आयोग से कहेंगे कि आप हर राज्य को बराबर कैसे मान सकते हैं. 


उन्होंने कहा, " नीति आयोग को बिहार की स्थिति का क्या पता है? अनेक पिछड़े राज्य और विकसित राज्यों को अलग मानकर चलना चाहिए."





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