पटना: बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी का कहना है कि बिहार में गठबंधन सरकार होने की वजह से बीजेपी को सरकार चलाने में परेशानी हो रही है. चार अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों के साथ होने से नीतियों को लागू करना मुश्किल है. बीजेपी ने ज्यादा सीट लाने के बावजूद जेडीयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया. पंचायती राज विभाग के मंत्री का ये बयान सामने आने के बाद सूबे के राजनीतिक पारा चढ़ गया है. विपक्ष के नेता मंत्री के इस बयान को लेकर राज्य सरकार को घेर रहे हैं.
अपनी पार्टी के लोगों से करें बात
इधर, मंत्री के इस बयान पर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, " हमने उनके बयान को देखा नहीं है. वो क्या कह रहे हैं, हमें पता नहीं है. अगर कोई बात है, तो हम बात कर ही सकते हैं. लेकिन उन्होंने क्या कहा है, मुझे नहीं पता. अभी मीटिंग हुई है, हाउस चल रहा था. कहीं तो कोई बात नहीं थी. आखिर कौन उनकी बात नहीं सुन रहा है. गठबंधन इतने दिनों से चल रहा है. इतने अच्छे से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम हो रहा है, तो यहां कोई दिक्कत नहीं है. फिर भी अगर कोई बात है तो उन्हें अपनी पार्टी के लोगों से बात करना चाहिए.'
जातीय जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश ने कहा, " हम बराबर कह रहे हैं जिस जातीय जनगणना की बात की गई है, वो 2019 में सर्व सम्मति से पास हुआ और विधानसभा में 2020 में भी हुआ. ये सब केंद्र को भेजा गया है और इसके बारे में हम लोग बातचीत करते रहे हैं. लेकिन इस बारे में विपक्ष की तरफ से जो सुझाव आया है और उन्होंने हमसे जो मुलाकात की. तो हम सबसे मिलकर बात कर लेंगे. मेरे हिसाब से बीजेपी को भी इस बात के लिए इल्टिमेंट किया जा चुका है."
मिलने में किसी को एतराज नहीं होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा, " विजय चौधरी अभी संसदीय कार्य देख रहे हैं. लेकिन उस समय वो विधानसभा के अध्यक्ष थे, तो वो भी बातचीत कर रहे हैं. सभी की मिलकर ये कोशिश होगी कि हम सब जाएं और सर्वसम्मति के प्रस्ताव को रख दें. इसके बाद क्या करना है, क्या नहीं करना है, ये तो केंद्र सरकार पर निर्भर है. लेकिन मिलने में किसी को एतराज नहीं होना चाहिए."
जातीय जनगणना से सामाजिक तनाव पैदा होगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गलत बात है. इससे समाज में बिल्कुल भी तनाव नहीं होगा. बल्कि समाज में खुशी होगी और जब सभी तबके के लोगों की गणना हो जाएगी तो सबको संतुष्टि होगी. जब विधानसभा मंडल में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास हुआ है, तो इसमें कहां किसी को कोई आपत्ति होगी. लेकिन करना, नहीं करना केंद्र पर है. मगर अपने विचार रखने में क्या परेशानी है. एक हम ही नहीं हैं और भी राज्यों को कहा गया है अपने विचार रखने को.
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