पटना: लोकसभा 2024 चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में अब एक साल रह गया है. बीजेपी (BJP) और महागठबंधन सहित सभी पार्टियां तैयारी में जुटी हुई है, ऐसे में कोई भी पार्टी कोई मौका गंवाना नहीं चाहती है. अभी मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान (Ramadan) चल रहा है, ऐसे में मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियां इफ्तार पार्टी का खूब आयोजन कर रही हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में सरकार की ओर से इफ्तार पार्टी (Iftar Party) की गई, जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) समेत महागठबंधन के कई नेता इसमें शामिल हुए.
आज हज भवन में जनता दल यूनाइटेड की ओर से इफ्तार पार्टी आयोजित की जा रही है और रविवार को राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर राष्ट्रीय जनता दल की ओर से इफ्तार पार्टी का आयोजन होगा. मुस्लिम वोटरों को खुश करने के लिए इफ्तार की राजनीति बहुत पहले से चली आ रही है लेकिन कुछ दिनों पहले रामनवमी (Ram Navami) में सासाराम और बिहार शरीफ सहित कई जगहों पर दंगे हुए. इस घटना के बाद इफ्तार की राजनीति पर सवाल उठने लगे हैं. इसमें महागठबंधन के नेता भी इफ्तार पार्टी के बहाने हो रही राजनीति का विरोध करने लगे हैं.
'जख्म मरहम की जरूरत है न कि इफ्तार पार्टी की'
बिहार सरकार द्वारा आयोजित की गई इफ्तार पार्टी को महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजमी बारी ने विरोध किया है. आजमी बारी ने पहले सोशल मीडिया पर लिखा कि मुसलमानों के जख्म पर मरहम रखने की जरूरत है न कि इफ्तार पार्टी की. उन्होंने ये लिखते हुए सोशल मीडिया पर बिहार सरकार द्वारा निमंत्रण के लिए भेजे गए कार्ड का फोटो भी डाला है और उस पर बायकॉट की मुहर लगी है.
कई संगठनों ने किया विरोध- आजमी बारी
वहीं, आजमी बारी ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का विरोध करते हुए कल नहीं गया था और आज जेडीयू के द्वारा साथ ही रविवार को आरजेडी के द्वारा जो इफ्तार पार्टी आयोजित की जा रही है उसका विरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं खानकाह और देश की बड़ी संस्था इमारत शरिया ने भी मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का विरोध किया है. इमारत शरिया से शुक्रवार को कोई भी इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हुए थे.
सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी का विरोध
कांग्रेस नेता ने कहा कि सासाराम और बिहार शरीफ में दंगे हुए. दोनों जगहों पर धारा 144 लागू है. रोजेदार रोजा तो रखे हुए हैं लेकिन इफ्तार उन्हें नहीं मिल रहा है. वहां रोजेदार को इफ्तार खोलने में दिक्कतें हो रही हैं. कौम के लोग एक-दूसरे को मदद कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है कि जिन रोजेदारों को रोजा नहीं खुल रहा है और जिन्हें इफ्तार नहीं मिल रहा है उनके लिए इफ्तार की व्यवस्था की जाए. यहां पटना में इफ्तार के नाम पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. इससे सरकार क्या दिखाना चाहती है? जिनको जरूरत है उन्हें इफ्तार मिलना सबसे ज्यादा जरूरी है. इस वजह से हम लोग विरोध कर रहे हैं.
इफ्तार पार्टी को लेकर बीजेपी ने नीतीश पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री की ओर से हुए इफ्तार पार्टी का विरोध तो बीजेपी पहले से ही कर रही थी. अब कांग्रेस के नेता भी विरोध करने लगे हैं. यह बीजेपी के द्वारा सुलगाई आग में घी का काम करेगा. वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार दंगों की आग में झुलस रहा है और नीतीश कुमार मौलाना टोपी पहनकर इफ्तार पार्टी का जश्न मना रहे हैं. रोजेदार तो रोजा रखकर इफ्तार खोलते हैं तो नीतीश कुमार को भी रोजा रख कर ही इफ्तार पार्टी का आयोजन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब तो महागठबंधन के नेता भी सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का विरोध कर रहे हैं. उन्हें दंगों में पीड़ित लोगों पर मरहम लगाना चाहिए तो वह पटना में इफ्तार की राजनीति कर रहे हैं और 2024 चुनाव का सपना देख रहे हैं. यह पूरी तरह अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत को दर्शाता है.
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