CM नीतीश का 'फेवरेट' है 7 नंबर बंगला, पढ़ें- क्यों मुख्यमंत्री को था इस आवास से लगाव, यहीं बनी थी PK और NK की 'जोड़ी'
2015 के दौर में सीएम नीतीश इसी बंगले से पीएम मोदी को हराने के लिए रणनीति तैयार करते थे और यहीं से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी को चुनौती देते थे. बाद में प्रशांत किशोर यहीं से पार्टी का काम करने लगे थे.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खरमास यानि 14 जनवरी के बाद किसी भी दिन राजधानी पटना के 1 अणे मार्ग स्थित सीएम आवास छोड़कर सात नंबर के आवास में शिफ्ट कर जाएंगे. इस दौरान मौदूजा सीएम आवास में मरमम्त का काम होगा. बता दें कि सात नंबर सीएम का फेवरेट नंबर है. पूर्व सीएम के नाते यह घर उन्हें आवंटित हुआ था. हालांकि, अभी यह मुख्य सचिव के नाम से आवंटित है. गौरतलब है कि सीएम नीतीश साल 2015 में इसी आवास में थे. यहीं से आरजेडी प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया था. बाद में प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) यहीं से पार्टी का काम करने लगे थे.
आदेश के बाद खाली करना पड़ा था आवास
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस आवास को सीएम नीतीश को खाली करना पड़ा था. हालांकि उस वक्त पूर्व सीएम के रूप में आवंटित बंगले में रह रहे सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था. सीएम ने इस आवास को मॉडर्न तरीके से बनवाया था. इस घर में बड़ा हॉल, बैठने के लिए बड़ा सा गोलंबरनुमा बैठक बनवाया था. नए सिरे से लॉन बनवाया था. टहलने के लिए भी ट्रैक बनाया था.
काम को लेकर संजीदा माने जाने वाले मुख्यमंत्री ने इस आवास में खुद और अपने स्टाफ के लिए मिनी दफ्तर तैयार करवाया था. बगल के बंगला में सीएम का गोपनीय कार्यालय भी बना, जिसमें सीएम के सभी सचिव और निजी सहायक के लिए दफ्तर बना. इस बंगले का दरवाजा अंदर से सात नबंर बंगले से जुड़ा हुआ था. 2015 के दौर में सीएम नीतीश कुमार इसी बंगले से पीएम मोदी को हराने के लिए रणनीति तैयार करते थे और यहीं से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी को चुनौती देते थे.
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