ये क्या! CM नीतीश के मंत्री भूले COVID प्रोटोकॉल, ओमिक्रोन के खतरे के बीच की बैठक, जुटी लोगों की भीड़
मंत्री के दौरे का जो वीडियो सामने आया है, वो चौंकाने वाला है. मंत्री ने लोगों के साथ जो बैठक की उसमें कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. ना लोगों के बीच दूरी थी, ना ही किसी के चेहरे पर मास्क था.
गोपालगंज: बिहार सरकार में खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम (Janak Ram) गुरुवार को गोपालगंज के धतीवना पंचायत के दिवंगत मुखिया सूखल मुसहर के परिजनों से मिलने पहुंचे. मंत्री ने मुखिया के परिजनों को सांत्वना देने के बाद दलित बस्ती के लोगों के साथ बैठक की. इस दौरान ग्रामीणों ने मंत्री को बताया कि मुखिया की हत्या के बाद तीन दिनों से दलित बस्ती के लोग काम पर जाने के लिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.
मंत्री ने लोगों से कही ये बात
वहीं, मंत्री ने गांव में चौपाल लगाकर कहा कि किसी को किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है. आप लोग खुलकर मुखिया सुखल मुसहर की हत्या करने वालों का नाम बताइए. पुलिस कार्रवाई करेगी. इंसाफ दिलाने में सरकार पीछे नहीं होगी. बता दें कि 18 जनवरी की सुबह थावे थाना क्षेत्र के धतीवना गांव में पंचायत के मुखिया सूखल मुसहर की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पांच लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
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इधर, खान एवं भूतत्व मंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन से लगातार बात हो रही है. हत्या करने वाले बचेंगे नहीं. दलित बस्ती के लोग डरे और सहमे हुए हैं, इसलिए वहां के लोगों के बीच बैठक कर उन्हें आश्वस्त किया गया कि डरने की जरूरत नहीं हैं. बहुत जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी होगी.
मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत
मंत्री ने कहा कि पूर्व के शासन काल में कभी कमजोर लोगों को मुखिया-जिला पार्षद बनने का अवसर नहीं मिला. बिहार में जब एनडीए की सरकार आयी तो कमजोर वर्ग के लोगों को रिजर्वेशन देकर उनकी माली हालत में सुधार लाने के लिए मुखिया-बीडीसी, जिला पार्षद बनने का अवसर मिला. दुख की बात है कि ऐसे लोगों के साथ घटना घट रही है. सरकार इसपर गंभीर है, इसलिए पुलिस प्रशासन को भी गंभीरता से घटना को अंजाम देने वाले पर कानून का शिकंजा कसना होगा.
किसी ने नियमों का नहीं किया पालन
हालांकि, मंत्री के दौरे का जो वीडियो सामने आया है, वो चौंकाने वाला है. मंत्री ने लोगों के साथ जो बैठक की उसमें कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. ना लोगों के बीच दो गज की दूरी थी, ना ही किसी के चेहरे पर मास्क था. यहां तक की मंत्री के भी चेहरे पर मास्क नहीं था. गौरतलब है कि राज्य में कोरोना बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही संक्रमण को दावत देने जैसा है.
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