पटनाः नीति आयोग (Niti Aayog) की रिपोर्ट के बाद बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भले ही सवाल उठ रहे हों लेकिन इसके बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को कोई जानकारी नहीं है. शनिवार को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि सबलोगों को ना सिर्फ महात्मा गांधी के विचारों को या उनको मानकर आगे चलना है बल्कि नई पीढ़ी तक उनके विचारों को पहुंचना भी है. ताकि देश आगे बढ़े और सबलोगों में आपस में प्रेम बना रहे. इस दौरान जब मीडिया की ओर से नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछा गया तो नीतीश कुमार ने पल्ला झाड़ लिया. कहने लगे पता नहीं.


नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया था. तेजस्वी का कहना था कि 16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश कुमार को बधाई. 40 में से 39 लोकसभा एमपी और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फायदा मिल रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं.


बिहार में केवल छह बेड प्रति लाख आबादी


गुरुवार को जारी नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पतालों में प्रति लाख आबादी बेड की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है. यहां प्रति लाख आबादी 20 बेड हैं. जबकि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात में 19, पंजाब, आंध्रप्रदेश और असम में 18, जम्मू कश्मीर में 17, महाराष्ट्र में 14, हरयाणा और उत्तरप्रदेश में 13, तेलंगाना में 10, झारखंड में नौ और बिहार में केवल छह बेड प्रति लाख आबादी उपलब्ध हैं.



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