पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने को लेकर काफी संवेदनशील हैं. इसी का नतीजा है कि सत्ता में आने के बाद से लगातार वो पौधारोपण की ओर ध्यान दे रहे हैं. दरअसल, बिहार से झारखंड के अलग हो जाने की वजह से बिहार का हरित आवरण काफी कम हो गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरियाली मिशन की शुरुआत की जिसके तहत राज्य भर में पौधारोपण अभियान चलाया गया. 


मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कही ये बात


बिहार विधानसभा चुनाव 2015 जीतने के बाद मुख्यमंत्री ने सात निश्चत योजना के तहत जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की. इसके तहत बीते छह से काम किया जा रहा है. इस संबंध में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 सूत्री कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है। भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है."


 





पर्यावरण की रक्षा हम सभी का दायित्व


लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, " आने वाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए हम सभी का बुनियादी दायित्व है कि पर्यावरण की रक्षा करें. जल और हरियाली के बीच जीवन है, जल और हरियाली है तभी जीवन है. हम सब अगर मिलकर चलेंगे तो पर्यावरण संकट में कमी आएगी."


 






बता दें कि इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पिछले आठ से चलाए जा रहे हरियाली मिशन की प्रोग्रेस रिपोर्ट दी थी. उन्होंने सोमवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, " झारखंड से बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था. 2012 में बिहार में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई और 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया."


मालूम हो कि राज्य में हरियाली बनी रही इसके लिए मुख्यमंत्री लगतार कई योजनाओं के तहत काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार कई मौकों पर पौधरोपण और राज्य के हरित आवरण पर बात करते सुना गया है. उनकी बातों से ये स्पष्ट पता चलता है कि वे इस मुद्दे पर कितने गंभीर और सक्रिय हैं.


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