पटना: सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को सिंचाई विभाग के 30 योजनाओं का एक साथ ऑनलाइन उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा, " गंगाजल को गया तक पहुंचाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. पहले सिंचाई की परियोजनाएं अटकी रहती थीं. हमलोगों को मौका मिला तो 15 वर्षों में 4 लाख 06 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया.
सिंचाई और बाढ़ प्रक्षेत्र की योजनाओं का सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए कहा कि बिहार में जल्द फिजिकल मॉडलिंग सेंटर बनेगा. उन्होंने कहा कि मिशन मोड में जल-जीवन-हरियाली योजनाएं चल रही हैं. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सारे काम किए जा रहे हैं. राज्य के खजाने पर सबसे पहला हक आपदा पीड़ितों की हैं.
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में पहले सिंचाई की परियोजनाएं अटकी रहती थीं. समय से कोई काम पूरा नहीं होता था. हमलोगों को मौका मिला तो 15 वर्षों में 4 लाख 06 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया. इसके अलावा बड़े पैमाने पर ह्रासित क्षमता को पुनर्स्थापित किया गया.
इस मौके पर विभाग के कार्यों की सीएम नीतीश कुमार ने जमकर तारीफ भी की. उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के विकास में जल संसाधन विभाग की बड़ी भूमिका है. बाढ़ और सूखा बिहार की बड़ी समस्या है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार राज्य हैं, जिस कारण इसकी चुनौती काफी होती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा जल को गया में पहुंचाने की योजना का भी जिक्र किया और कहा कि मोकामा के पास से राजगीर होते हुए गया तक गंगाजल पहुंचाने के काम पर तेजी से काम हो रहा है. इसलिए राजगीर और गया वाटर स्टोरेज के लिए भी जगह चिन्हित किया जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि बरसात के चार महीने गंगा का पानी गया जाएगा शेष दिनों के लिए स्टोर रहेगा.
उन्होंने बिहार की 73 प्रतिशत आबादी बाढ़ से प्रभावित होने की बात करते हुए कहा कि अभी भी कृषि पर 76 प्रतिशत लोग निर्भर हैं. बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है. बाढ़ के कारण बिहार को ज्यादा क्षति होती है. राज्य की सड़कें बर्बाद हो जाती है. उसे ठीक करने में ज्यादा खर्च होता है. हमारी सरकार पर्यावरण को ध्यान में रखकर काम कर रही है. हर खेत तक पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.