पटना: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है. पार्टी को जबरदस्त बहुमत हासिल हुआ है. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 136 सीटों पर जीत मिली है. इस जीत के बाद अभी कांग्रेस आत्मविश्वास से लबरेज है. वहीं, इससे सीएम नीतीश की विपक्षी एकता मुहिम की रफ्तार थोड़ी धीरे जरूर हो सकती है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कांग्रेस की अगुवाई में क्षेत्रीय विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने की कवायद में लगे हुए थे लेकिन कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की रिकॉर्ड जीत के बाद कांग्रेस 'थर्ड फ्रंट' (Third Front) को लेकर फिर से मंथन जरूर करेगी. समझिए नीतीश की राह में अब क्या-क्या मुश्किलें हैं? 


नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए कर रहे हैं प्रयास


नीतीश कुमार विपक्षी दल एकजुटता की कोशिश कर रहे हैं ताकि बीजेपी के खिलाफ मिलकर लड़ सकें. इसको लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनसीपी चीफ शरद पवार, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और ममता बनर्जी सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी. इसके बाद सभी ने एक बात दोहराई थी कि आने वाले दिनों में आगे की रणनीति को लेकर हम चर्चा करेंगे. सीएम नीतीश की यह मुहिम तब रफ्तार पकड़ी जब पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी. कांग्रेस के समर्थन के बाद नीतीश कुमार लगातार विपक्षी नेताओं से मुलाकात के लिए देश में दौरा कर रहे थे.


पटनायक ने दिया था सीएम नीतीश को झटका 


वहीं, बीते दिनों नीतीश कुमार ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मिले थे लेकिन इसके 48 घंटे बाद ही पटनायक ने नीतीश को झटका दे दिया. गुरुवार (11 मई) को नवीन पटनायक ने पीएम मोदी से मुलाकात की तो कहा कि जहां तक मुझे लगता है थर्ड फ्रंट की कोई संभावना नहीं है. पटनायक का बयान ऐसे समय आया जब उसी दिन नीतीश कुमार मुंबई में उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिल रहे थे.


विपक्षी एकता की राह में सीएम नीतीश अकेले नहीं 


नीतीश कुमार 2024 चुनाव के पहले विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. इसी सिलसिले में वह लगातार विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं. लेकिन इस कवायद में सिर्फ नीतीश कुमार अकेले नहीं हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के साथ मार्च महीने में इसी तरह की बैठकें की थीं. इसके साथ ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से सीएम नीतीश कुमार ने पिछले साल मुलाकात की थी लेकिन कुछ ही दिन बाद के चंद्रशेखर राव ने महारैली की, जिसमें विपक्ष के तमाम क्षेत्रीय दलों को निमंत्रण दिया लेकिन नीतीश कुमार को नहीं बुलाया था. चंद्रशेखर राव खुद पीएम रेस में शामिल होने में लगे हुए हैं.


राहुल की सदस्यता जाने के बाद 'थर्ड फ्रंट' की होने लगी थी चर्चा


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया. राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई. इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव को लेकर 'थर्ड फ्रंट' की चर्चा तेज हो गई थी. इसके लिए नीतीश कुमार प्रयास भी कर रहे थे लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी से पार्टी के लिए जनाधार बढ़ने के संकेत मिले हैं. इससे कांग्रेस अब हर कदम फूंक-फूंक कर रखेगी.


कांग्रेस अब 'थर्ड फ्रंट' से बचना चाहेगी


कर्नाटक चुनाव के परिणाम के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ गई है. कांग्रेस ने दक्षिणी राज्य में 13 मई को शानदार जीत हासिल की है. बीजेपी के मुकाबले लगभग दोगुनी सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस यहां सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 136 सीटों पर जीत मिली है. कर्नाटक में जीत के बाद अब कुल चार राज्यों में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है, जबकि 3 राज्यों में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. इस जीत के बाद कांग्रेस 'थर्ड फ्रंट' से बचना चाहेगी और 2024 में लोकसभा चुनाव कांग्रेस खुद अपनी अगुवाई में चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम करेगी. इससे सीएम नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की राह जरूर थोड़ी मुश्किल होते दिख रही है.


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