Samaaj Sudhar Yatra: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को समाज सुधार अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. कोरोना संक्रमण के प्रसार के नियंत्रित होने के बाद दोबारा शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत प्रदेश के भागलपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत कई कैबिनेट मंत्री और अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद लोगों को संबंधित करते हुए शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह के प्रति जागरूक किया.
इस बात से मुख्यमंत्री हुए नाराज
हालांकि, इस दौरान उन्होंने स्टेज पर से अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी जाहिर की. उन्होंने मंच पर से ही कहा कि आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं. ऐसा मत करिए. दरअसल, मुख्यमंत्री जीविका दीदियों को बोलने के लिए कम समय देने को लेकर नाराज थे. उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों को बोलने के लिए इतना कम समय क्यों दिया जा रहा है. हम उनसे बातें करने आते हैं, उन्हें सुनने आते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी बातों को अच्छे ढंग से रखने का मौका दें.
ऐसे लोग नहीं हो सकते हैं काबिल
इस दौरान उन्होंने शराबबंदी कानून की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ लोग केवल अनाप शनाप बोलते हैं. शराबबंदी कानून की बुराइयां बताते हैं. खुद को खूब काबिल समझते हैं. कुछ-कुछ अपना सोशल मीडिया पर लिखते रहते हैं. लेकिन ये गलतफहमी में हो कि ये काबिल हैं. जो लोग शराब जैसी गंदी चीज को अच्छा बताते हैं और इसको शुरू कराने के लिए कोशिश करते रहते हैं, वो काबिल हो ही नहीं सकते हैं.
सीएम नीतीश ने बताया कि महिलाओं की मांग पर हमने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू किया गया. महिलाओं को ध्यान में रख कर किए गए इस काम से महिलाएं काफी खुश हैं. कानून के लागू होने के बाद राज्य में एक करोड़ से अधिक लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया है. ये साल 2018 के आंकड़े हैं. लेकिन बीते दिनों मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के साथ की गई बैठक में विभाग को जिम्मा सौंपा गया है कि वो ताजा आंकड़े इकट्ठा करें और उसे उनके समक्ष पेश करें.
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