पटना: राजधानी पटना में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा प्रक्षेत्र के 4855.37 करोड़ रुपए की योजनाओं का उद्घाटन लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने इशारे-इशारे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर तंज कसा और कहा बिहार में बिजली की उपलब्धता से अब लालटेन की जररूत खत्म हो गई है.
उन्होंने तेजस्वी यादव का बगैर नाम लिए कहा," बयानबाजी से कुछ लोगों को पब्लिसिटी भी मिलती रहती है. लेकिन दिल पर हाथ रख कर बोलिये पहले क्या स्थिति थी ? पहले शाम होते ही सन्नाटा हो जाता था. उन्होंने अपनी 2005 की न्याय यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, " अरवल जहानाबाद से जब शाम को लौटते अंधेरा हो जाता था और अब की स्थिति देख लीजिये. हम काम में विश्वास रखते हैं. प्रीपेड का सपना पूरा होगा. सबको प्रीपेड बिजली पहुंचाना है."
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, " 2005 में बिजली की स्थिति क्या थी? अब 5932 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही है जो साधारण बात नहीं है. 2012 में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन गांधी मैदान से ऐलान किया था कि बिजली की स्थिति में सुधार नहीं होगी तो 2015 में वोट नहीं मांगेंगे. 2018 में घर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया और इसे दिसंबर माह से पहले अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया. 2018 के उद्घाटन के समय जर्जर तार बदलने की चर्चा हुई और 2019 के अंत तक यह काम पूरा हो गया जो मामूली बात नहीं है. 2019 में एक और कार्यक्रम की शुरुआत हुई प्रीपेड बिजली लगाने की."
उन्होंने कहा, " 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून लागू होने पर अधिकांश शिकायत बिजली बिल को लेकर रहते थे. खपत और उसका दर मिलना चाहिए था, वह नहीं हो रहा था. इसका एकमात्र समाधान प्रीपेड दर निर्धारण के बाद ज्यादा सब्सिडी मिल रहा है बिल पर पूरा लिखा रहता है. प्रीपेड होने से लोगों की सुविधा और बढ़ी है. जितने उपभोक्ता है उनका एक साथ प्रीपेड लगाने में थोड़ी दिक्कत है, लेकिन अब कोशिश शुरू हो गई है."
मुख्यमंत्री ने कहा, " बिहार के बिजली के काम का केंद्र ने भी अनुशरण किया और घर-घर बिजली पहुंचाने की पहल को केंद्र ने भी अपनाया. प्रीपेड बिजली के बिहार की पहल को केंद्र ने भी सहमति दी. अब हर खेत को पानी देने की योजना है. उन्होंने कहा बिहार की जनता ने अगर फिर मौका दिया तो हर खेत तक पानी पहुंचाएंगे. इसके लिए जल संसाधन, लघु सिंचाई और ऊर्जा विभाग मिलकर काम करेगी."
उन्होंने कहा, " जल-जीवन-हरियाली के तहत सिंचाई को लेकर तालाब और पोखर से पानी मिलेंगे ही छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने का काम जल संसाधन विभाग करेगा, सड़को के बनने से किसान अब अपने उत्पादन को बाजारों तक आसानी से पहुंचा रहें हैं. बिजली की उपलब्धता से किसानों को काफी सस्ते में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी. 100 रुपये की डीजल की जगह 5 रुपये या उससे कम में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी."