जहानाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है. चुनाव के मद्देनजर सीएम नीतीश ने वर्चुअल बैठक में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी द्वारा 15 साल में किए गए काम को लेकर जनता के बीच जाने की अपील की है. लेकिन ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार के मंत्री और पार्टी नेताओं को 15 सालों में हुए विकास पर भरोसा नहीं है. ऐसे में चुनाव नजदीक देख वो जातीय समीकरण बैठाने में लग गए हैं.
इन दिनों बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो आगामी चुनाव में जातीय समीकरण को लेकर अपना डर जताते हुए सुनाई दे रहे हैं. वो जातीय समीकरण से इतना भयभीत है कि अपनी जीती हुई सीट छोड़ने को तैयार हैं. वायरल ऑडियो में शिक्षा मंत्री जी किसी बड़े नेता से घोसी छोड़कर जहानाबाद से चुनाव लड़ने की बात करते सुनाई पड़ रहे है. इसके लिए मंत्री उस शख्स की किसी नेता से चर्चा करने की भी मनुहार करते सुनाई पड़ रहे हैं.
मंत्री के ऑडियो में उनकी राजनीतिक विवशता साफ सुनाई पड़ रही है. वे कह रहे हैं कि पिछला चुनाव उन्होंने पुराने कॉम्बिनेशन पर जीता था, अब यादव एनडीए को वोट देगा नहीं और एनडीए को अग्रेसिव वोट मिलेगा नहीं क्योंकि जगदीश शर्मा अपने बेटे को चुनाव जरूर लड़ाएंगे. मंत्री यह भी कहते सुने जा रहे है कि जगदीश शर्मा जेडीयू भी है ,राजद भी है और निर्दलीय भी है. इसलिए भूमिहार वोट घोसी में नहीं मिलेगा, जबकि दूसरी जगह उनको भूमिहार का वोट लेने में दिक्कत नहीं होगी.
ऑडियो में शिक्षा मंत्री यह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि भूमिहार वोट और यादव वोट अगर अग्रेसिव नहीं मिलेगा तो किस वोट से घोसी में चुनाव जीतेंगे. इसलिए जहानाबाद विधान सभा में शिफ्ट होना चाहते है. वहां से हमारी स्थिति गड़बड़ हो गई है. मंत्री जी किससे बात कर रहे हैं यह अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन उनकी बातों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि वे अब घोसी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते.
हालांकि मंत्री जी ने सप्ताह भर पहले क्षेत्र बदलने के सवाल पर कहा था कि चुनाव लड़ना व्यक्तिगत मामला नहीं है. वे इसे पार्टी आलाकमान के उपर छोड़ते हैं. यह पार्टी का मामला है कि वह कहां से चुनाव लड़ाएगी या टिकट देगी या नहीं भी देगी. बता दें कि पिछले दिनों कुर्था से जेडीयू विधायक सत्यदेव कुशवाहा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो यादवों के गांव जाने से डरने की बात कह रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद उनकी खूब किरकिरी हुई थी.