भागलपुर: जेडीयू नेतृत्व और पार्टी विधायकों की सोच में क्या कोई समानता नहीं है ? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एक तरफ जहां जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहिंसा की बात करते हैं, वहीं, दूसरी तरह जेडीयू विधायक गोली मारने की बात करते हैं. अभी दो दिन पहले रविवार जेडीयू प्रशिक्षण शिविर में आरसीपी सिंह ने कहा था कि जेडीयू के कार्यकर्ता को मनसा, वाचा, कर्मणा पूरी तरह अहिंसक रहना है. हमारे विचार, वाणी और व्यवहार में हमारी पार्टी और हमारे नेता के संस्कार की झलक दिखनी चाहिए.


जेडीयू विधायक ने खुद को बताया रंगबाज


इसके ठीक विपरीत भागलपुर के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू विधायक गोपाल मंडल का कहना है कि वो खुद ही रंगबाज हैं, किसी से डरते नहीं हैं. रिवाल्वर रहता है उनके पास, सीधे ठोक देंगे. दरअसल, पूरा मामला रविवार का है. रविवार को जेडीयू विधायक बांका जिले के श्याम बाजार पहुंचे थे, जहां कथित तौर पर ग्रामीणों द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है.


करीब 30 समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे विधायक जी कुछ करते या कहते इससे पहले ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और उनका विरोध शुरू कर दिया. ऐसे में उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. इस घटना के संबंध जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, " मैं अपनी जमीन देखने के लिए गए था. वहां कुछ लोगों ने कब्जा जमा लिया है. लेकिन मेरे जाने के बाद वहां कुछ लोग जमा हो गए, जो मेरे साथ दुर्व्यवहार करने लगे."


जमीनी विवाद को लेकर कही ये बात


वहीं, जब गोपाल मंडल से ये पूछा गया कि अगर आपके बॉडीगॉर्ड आपके साथ नहीं रहते तो आप क्या करते तो उन्होंने ने साफ तौर पर कहा, " भले ही मेरे पास बॉडीगार्ड नहीं होते, लेकिन मेरे पास रिवाल्वर रहता है, मैं निकाल कर ठोक देता. रही बात बंधक बनाने की गोपाल मंडल को कोई बंधक नहीं बना सकता है, हम खुद रंगबाज हैं."


उन्होंने कहा कि 24 मार्च को विधानसभा सत्र समाप्त होगा और 25 या 26 को मैं फिर सभी से मिलूंगा और इस बार प्रशासन के लोग भी साथ रहेंगे. मैं पेपर लेकर जाऊंगा, अगर मेरी जमीन हुई तो मैं सभी के घरों को बुलडोजर चला कर खत्म कर दूंगा और मेरी जमीन नहीं हुई तो मैं हाथ जोड़ कर निकल जाऊंगा. अब सारी बातें कानून के तहत होंगी.


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