Hijab Row: हिजाब विवाद पर बोले CM नीतीश के मंत्री- धर्म के प्रचारक ना बनें विद्यार्थी, विपक्ष पर भी साधा निशाना
मंत्री ने कहा, " स्टूडेंट स्कूल-कॉलेज पढ़ाई करने जाते हैं, ना कि धर्म का प्रचार करने. पढ़ाई करने वालों को हिजाब की जरूरत क्या है. स्कूल ड्रेस में आप स्कूल जाएं तो आप स्टूडेंट दिखते हैं."
पटना: कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज के क्लास रूम में बैठने से रोकने का मामला अब पूरी तरह गरमा चुका है. इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को टारगेट कर रही है. इसी क्रम में इस मामले पर बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी (BJP) कोटा से मंत्री बने नेता ने कहा कि कर्नाटक में जो विवाद पैदा हुआ है, वो एकदम गलत है.
स्टूडेंट ना बनें धर्म प्रचारक
उन्होंने कहा, " मेरा कहना है कि स्टूडेंट स्कूल-कॉलेज पढ़ाई करने जाते हैं, ना कि धर्म का प्रचार करने. पढ़ाई करने वालों को हिजाब की जरूरत क्या है. स्कूल ड्रेस में आप स्कूल जाएं तो आप स्टूडेंट दिखते हैं. इसमें क्या आपत्ति है. स्टूडेंट को स्टूडेंट ही दिखना चाहिए ना कि धर्म का प्रचारक दिखना चाहिए. यह कोई विवाद का विषय नहीं है. इस पर विवाद नहीं होना चाहिए."
उन्होंने कहा कि हम आग्रह करेंगे कि इस बात को विवाद में न ले जाएं. कुछ लोग लगे रहते हैं हर चीज में विवाद उत्पन्न कराने में. कुछ दल के लोग हर बात को विवाद में ले जाने में लगे रहते हैं. अभी यूपी चुनाव है, इसलिए वो ऐसा कर रहे हैं. नीरज बबलू ने कहा अभी यूपी में मुसलमान बीजेपी के साथ खड़े हैं. मुस्लिम के वोट बीजेपी के तरफ आ रहे हैं, तो विरोधियों का कलेजा फट रहा है. ये लोग यह सोच रहे हैं कि ये कैसे हो रहा है.
विपक्ष पर लगाया आरोप
बीजेपी नेता ने कहा, " जिन लोगों ने सब दिन यूपी में दंगे कराए, उन्हें ये बात हजम नहीं हो रही. योगी सरकार में एक बार भी दंगा नहीं हुआ है. मुसलमानों का वोट योगी की तरफ जा रहा है, इससे उनका कलेजा फट रहा है. वो ये सोच रहे हैं यह क्या हो रहा है. उनका दिमाग घूम रहा है. उनको लग रहा है कि उनका पत्ता साफ यूपी में होने वाला है. इसलिए वे तरह-तरह का विवाद करके बाहर लोगों का ध्यान बटा रहे हैं.
बताते चलें कि हिजाब को लेकर विवाद एक जनवरी को शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी में छह मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था. लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मिले उनके मौलिक अधिकार का हनन है.
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