CM नीतीश ने कहा- विधानसभा चुनाव में मुझे समझ ही नहीं आया कौन साथ दे रहा और कौन नहीं?
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में 11 मुस्लिम को टिकट दिया गया. हर जगह चर्चा हुई कि इतनी महिला को टिकट दिया. ऐसा तो किसी ने नहीं किया लेकिन इसका इंपैक्ट नीचे तक नहीं गया. इतना कम समय था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है और कौन नहीं दे रहा है.
पटना: बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच शनिवार को सीएम नीतीश ने कहा कि उन्हें यह समझ ही नहीं आया कि बिहार विधानसभा चुनाव में कौन उनका साथ दे रहा था और कौन नहीं? वहीं, विधानसभा चुनाव जेडीयू के प्रदर्शन को लेकर कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान ही उन्हें पार्टी के प्रदर्शन का अंदेशा हो गया था. बता दें कि ये बातें सीएम नीतीश ने जेडीयू के राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कही हैं.
चुनाव प्रचार के समय ही हो गया था अंदेशा
सीएम नीतीश ने कहा कि मैंने सबसे बुलाकर मुलाकात की. लेकिन मुझे पहले ही शक हो गया था. फरवरी में हमने नेताओं के साथ बैठक की थी. हमने चुनाव लड़ने वालों की बात आज भी सुनी और पहले भी सुनी. चुनाव प्रचार के समय जब शाम में आते थे, तभी मुझे संदेह हो गया था. लेकिन कोरोना के समय क्या हो गया ये बात समझ नहीं आया.
उन्होंने कहा कि जो बात एनडीए में 5 महीना पहले तय होना चाहिए था वह सब बात पर समय पर नहीं हुआ. ऐसे में कैंडिडेट क्या करते? लेट हुआ समय कम था तो हम क्या करते?
धूपा में भी एक लाख की संख्या में आए थे कार्यकर्ता
सीएम नीतीश ने कहा कि 1 मार्च को कार्यकर्ताओं का सम्मेलन था. इतनी धूप और गर्मी होने के बावजूद बिना टेंट के 1 लाख कार्यकर्ता आ गए थे. हमने इतना काम किया पार्टी के सभी साथी जानते थे. 2019 में पार्टी का सदस्यता अभियान चला, बूथ स्तर तक कमिटी बनी, ट्रेनिंग दी गई.
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में 11 मुस्लिम को टिकट दिया गया. हर जगह चर्चा हुई कि इतनी महिला को टिकट दिया. ऐसा तो किसी ने नहीं किया. लेकिन इसका इंपैक्ट नीचे तक नहीं गया. इतना कम समय था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है और कौन नहीं दे रहा है.
हमारे साथियों ने किया धोखा
सीएम नीतीश ने कहा कि हमने हर जगह कहा कि नई पीढ़ी को बताइए कितना काम हुआ. यह जरूरी है कि हर किसी को अपने काम में बारे में बताया जाए. कोरोना में इतना काम हुआ. उन्होंने कहा कि जेडीयू की वर्चुअल रैली 30 लाख लोगों ने 3 घंटा मेरा संबोधन सुना. सरकार के कामों को हमारे साथियों ने घर-घर तक नहीं पहुंचाया.लोगों ने दुष्प्रचार किया, सोशल मीडिया के बुरे पहलू का इस्तमाल किया गया. ऐसे में चुनाव में हमारा प्रदर्शन खराब हो गया.
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