पटना: एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार को एबीपी से बातचीत के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बड़ा आरोप लगाया. चिराग ने कहा कि हम लोगों को केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि दिल्ली वाले 12 जनपथ बंगले पर मैं और मेरी मां रह सकते हैं. लेकिन बीते दिनों आनन फानन बंगला खाली करा दिया गया. मेरे पिता की तस्वीर, बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति को 12 जनपथ के बाहर केंद्र सरकार की टीम के लोगों ने फेंक दिया. उस पर चढ़कर वे आ-जा रहे थे. यह बहुत दुखद है. इससे दलित समाज सहित अन्य वर्ग में बहुत नाराजगी है. 


नीतीश कुमार का हो सकता है हाथ


चिराग ने कहा, " बंगले में रहने का आश्वासन मिलने के बाद हम लोगों को वहां से निकाला गया. इसके पीछे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हाथ हो सकता है. मेरे चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) केंद्र सरकार में मंत्री हैं. मेरे पिताजी के निधन के बाद उनकी जगह चाचा पारस को मंत्री बनाया गया. जब जबरदस्ती हम लोगों को घर से बाहर किया जा रहा था जब राम विलास पासवान की तस्वीर बाहर फेंकी जा रही थी तो चाचा पारस शांत थे. साजिश का वह भी हिस्सा हैं."


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जमुई सांसद ने कहा, " नीतीश और चाचा ने मिलकर मेरी पार्टी  एलजेपी को तोड़ा. मुझे प्रताड़ित किया गया. अब इन लोगों ने हमें घर से बाहर निकलवा दिया. जनता सब देख रही है. माफ नहीं करेगी. मेरे चाचा तो कहते थे कि 12 जनपथ को राम विलास पासवान के नाम से स्मारक बना दिया जाए. अब साबित हो गया कि वह झूठा दिखावा कर रहे थे. 12 जनपथ पर मैं जबरदस्ती नहीं रह सकता था. मैं खाली कर देता लेकिन सरकार की तरफ से आश्वासन मिला था कि आप इसमें रह सकते है."


प्रधानमंत्री का कोई दोष नहीं


चिराग ने कहा कि तेजस्वी यादव यह कह रहे हैं कि पीएम को मैं अपना हनुमान बताता था, लेकिन मुझे घर से बाहर कर दिया गया. इस पर मैं कहना चाहता हूं कि नियम-कानून के तहत मैं 12 जनपथ बंगला में नहीं रह सकता था. मुझे खाली करना ही था.  इसमें पीएम का कोई हाथ नहीं. मैं उनको दोष नहीं दे सकता. 


चिराग ने कहा कि जिस तरह से 12 जनपथ खाली करवाया गया, मेरे पिता की तस्वीर बाहर फेंकी गई, अंबेडकर की मूर्ति बाहर फेंकी गई. इससे कई दलों के नेताओं में नाराजगी है. बीजेपी के नेताओं ने मुझे फोन किया. जेडीयू के नेताओं ने भी मुझे फोन किया और सहानुभूति व्यक्त की. नीतीश मेरे विरोधी हैं, लेकिन उनके पार्टी में कई नेता मेरे शुभचिंतक हैं और वो लोग जब चाहें मेरी पार्टी में आ सकते हैं. लेकिन मैं नीतीश की पार्टी को तोड़ना नहीं चाहता. भविष्य की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने भी मुझसे मुलाकात की है. फोन भी आते रहते हैं. बिहार में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर आगे बढूंगा या क्या करुंगा इस पर मैं अपने पत्ते जल्द खोलूंगा.


केंद्रीय टीम ने जबरन खाली कराया बंगला


बता दें कि 12 जनपथ पर रामविलास पासवान 30 सालों से ज्यादा तक रहे. अक्टूबर 2020 ने उनका निधन हो गया था. उसके बाद चिराग को बंगला खाली करने के लिए कहा गया था. उक्त बंगले में पांच-छह बार के सांसद रह सकते हैं. चिराग दूसरी बार सांसद बने हैं. चिराग ने इस घर में अपने पिता की प्रतिमा लगायी थी. वह चाहते थे कि 12 जनपथ को रामविलास के नाम पर स्मारक बना दिया जाए, लेकिन बीते दिनों इसको आनन फानन में खाली करा दिया गया है. ऐसे में चिराग ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और उनके चाचा पारस के इशारे पर यह सब किया गया है.


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