CM नीतीश ने अपने पुराने अधिकारी पर किया भरोसा, KK पाठक को फिर से सौंपा शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा
1990 बैच के आईएएस अधिकारी केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद अब अपर मुख्य सचिव निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग पटना के पद पर पदस्थापित किया गया है.
![CM नीतीश ने अपने पुराने अधिकारी पर किया भरोसा, KK पाठक को फिर से सौंपा शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा CM Nitish trusts his old officer, KK Pathak again assigned the responsibility of making Alcohol prohibition successful ann CM नीतीश ने अपने पुराने अधिकारी पर किया भरोसा, KK पाठक को फिर से सौंपा शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/17/5a4f25637d67999ac437dfb8a5e848b3_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने लगातार सात घंटे तक अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मिलकर समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद आवश्यक निर्देश दिए गए. वहीं, अब एक और अहम फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए फिर एक बार विभाग का जिम्मा अपने पुराने अधिकारी व वरिष्ठ आईएएस केके पाठक (KK Pathak) को सौंप दिया है.
साल 2016 में सौंपी थी जिम्मेदारी
बता दें कि केके पाठक वही अधिकारी हैं, जिन्हें साल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद कानून को सख्ती से लागू कराने का जिम्मा सौंपा गया था. अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाने वाले केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद राज्य सरकार ने निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया है. उनके आने के बाद गृह सचिव चैतन्य प्रसाद को इस विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है.
सुशील मोदी को भेज दी थी लीगल नोटिस
इस बाबत राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1990 बैच के आईएएस अधिकारी केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद अब अपर मुख्य सचिव निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग पटना के पद पर पदस्थापित किया गया है.
मालूम हो कि जब बिहार में साल 2016 में शराबबंदी कानून लागू की गई थी तब केके पाठक पर भरोसा करते हुए नीतीश कुमार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी. उस वक्त तत्कालीन विपक्षी नेता सुशील मोदी ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी नेता को लीगल नोटिस तक भेज दिया था.
यह भी पढ़ें -
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)