सदन में भड़के CM नीतीश तो उनके मंत्री ने दी सफाई, विपक्ष को गिनवाया सरकार का एक-एक काम
मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनको माइलेज लेना है. वे चाहते हैं कि वे जल्दी से मुख्यमंत्री और मंत्री बन जाए, सरकार उनके हाथों में आ जाए. उनको चिंता केवल इसी बात की है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को विधान परिषद में प्रश्नोत्तर काल के दौरान भड़क गए. सदन में पूरक प्रश्न का जवाब के दौरान आरजेडी एमएलसी सुबोध राय के टोका-टाकी से नाराज सीएम नीतीश ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा, " अरे भाई हम बोल रहे हैं. बीच में बोलिएगा क्या? आप जरा नियम जानो." इसपर आरजेडी एमएलसी ने आपत्ति जताते हुए बाद में कहा, "हम मुख्यमंत्री का सम्मान करते हैं, लेकिन इसके पहले भी एक-एक प्रश्न के कई पूरक सवाल हुए हैं."
ग्रामीण विकास के लिए किए गए कामों को गिनवाया
ऐसे में मामले को तूल पकड़ता देख ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सीएम नीतीश के बचाव में उतरे विपक्ष के एक-एक सवाल का जवाब देते हुए बिहार सरकार की ओर से ग्रामीण विकास के लिए किए गए कामों को गिनवाया. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं आने वाले समय में ग्रामीण महिलाओं के लिए क्या काम करने वाला हूँ, वो बताना चाहता था. लेकिन विपक्ष के सदस्यों को इसमें दिलचस्पी नहीं है कि महिलाओं की क्या स्थिति है.
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में महिलाओं का सम्मान के साथ विकास किया गया है. तीन करोड़ से ज्यादा घर का निर्माण कराया गया. लॉकडाउन में जब देश और दुनिया परेशान था, बिहार सरकार ने 21 लाख श्रमिकों को काम दिया. वहीं, नीतीश कुमार की नेतृत्व में ग्रामीण विकास विभाग ने गांव के गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिसका जोड़ देश के किसी राज्य में नहीं है.
श्रवण कुमार ने विपक्ष पर लगाया आरोप
ये सभी बातें कहने के बाद मंत्री ने कहा कि विपक्ष तो गरीब की बात सुनना ही नहीं चाहता है. सरकार जो गरीब के लिए काम कर रही है, वह विपक्ष सुनना नहीं चाहता. उनको सुनना चाहिए, अगर अच्छा नहीं लगे तब उस पर प्रतिक्रया देनी चाहिए. हमनें शुरू ही किया और वे रोक-टोक करने लगे. जो सवाल वे उठा रहे थे, कितने आवास बने हैं, उस का भी जवाब हमने दिया.
मंत्री ने अफसोस जताते हुए कहा कि जब जवाब ही नहीं सुनना चाहते हैं, राज्य के गरीब से कोई मतलब ही नहीं है, सिर्फ और सिर्फ मार्केटिंग से मतलब है तो ये एजेंडा आपको ही मुबारक हो, हमें गरीब की सेवा करनी है. मंत्री जी यही नहीं रुके.
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनको माइलेज लेना है. वे चाहते हैं कि वे जल्दी से मुख्यमंत्री और मंत्री बन जाए, सरकार उनके हाथ में आ जाए. उनको चिंता केवल इसी बात की है. लेकिन उनकी यह चिंता दूर तभी होगी जब बिहार की 12 करोड़ जनता उनकी तरफ देखेगी. लेकिन ये मुमकिन नहीं है क्योंकि 15 सालों से जनता का आशीर्वाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है.
यह भी पढ़ें -
बिहार: विधानसभा घेराव के लिए निकले NSUI के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, पुलिस ने सड़क पर दौड़ाकर पीटा बिहार के खगड़िया में बड़ा हादसा, स्कूल की दीवार गिरने से 6 की मौत, 3 घायल