पटना: बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच के सीएम नीतीश ने शनिवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वे अगले पांच साल तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और बिहार की जनता के विकास के लिए काम करेंगे. जेडीयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, " हम अभी पांच साल तक कहीं नहीं जाने वाले."


समर्थकों ने आंख मूंद कर दिया वोट


उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समाज के हर तबके के लिए काम किया है. हम किसी की उपेक्षा नहीं करते. एनआरसी के बारे में हमने राज्य के लोगों से कहा कि एनआरसी लागू नहीं होगा. बिहार विधानसभा चुनाव में हमारे समर्थकों ने हमें आंख मूंद के वोट दिया है. चाहे कहीं भी हो. अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो 43 सीट भी कैसे आता?


जिन्हें दिक्कत है वो छोड़ दें पार्टी


सीएम नीतीश ने कहा कि कोरोना काल में भी बहुत काम हुआ. 45 लाख से ज्यादा लोग पार्टी के सदस्य हैं. हमने बहुत सारे लोगों को सम्मान दिया. हर कमेटी में जगह दी. लेकिन वो लोग एक्जिट पोल के बाद पार्टी के खिलाफ हो गए. ऐसे लोगों को अगर दिक्कत है, तो हमारी पार्टी छोड़ दें.


टीचरों ने किया दुश्मन जैसा व्यवहार


वहीं, इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बगैर नाम लिए कहा कि जो नहीं चाहते थे कि चुनाव हो उन्होंने ज्यादा सीटें जीतीं. टीचरों के लिए हमलोगों ने इतना कुछ किया लेकिन उन्होंने ही दुश्मन की तरह वोट नहीं दिया. खैर मुझे इसकी चिंता नहीं है. बहुत लोग तो माइनॉरिटी का भी वोट डाइवर्ट करना चाहते थे. ऐसा हुआ भी उन्होंने भी इस बार हमें वोट नहीं दिया.


जनता के बीच रहें पार्टी नेता


अपने संबोधन के अंत में उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि वे अपनी बात सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक रखें. हर जगह जाकर भी देखें. कहां किस चीज़ की जरूरत है उसकी जानकारी दें. ताकि और बढ़िया काम हो सके. आने वाले दिनों में पार्टी कैसे मजबूत हो सभी इस बारे में सोचें.


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन समेत अन्य मुद्दों पर मंथन करने के लिए शनिवार को जेडीयू के राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव में असफल हुए अपने नेताओं को हिम्मत ना हारने और जनता के बीच बने रहने की नसीहत दी है.