मुजफ्फरपुर: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के खिलाफ बुधवार को मुजफ्फरपुर स्थित उत्तर बिहार निगरानी कार्ट में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के धाराओं में परिवाद दायर किया गया है. उनके अलावा परिवाद में बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुजफ्फरपुर डीएम प्रणव कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी फैयाज अखतरा, राज्य निर्वाचन आयोग दीपक प्रसाद, उनके सचिव योगेंद्र राम समेत 14 लोगों का नाम शामिल है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी.


मुखिया को भी बनाया गया अभियुक्त


बता दें कि पारू के चक्की सुहागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता चंदन साहनी ने कोर्ट में परिवाद दायर कराया है. मामला पंचायत चुनाव के मद्देनजर फर्जी वोटर लिस्ट तैयार करने से जुड़ा हुआ है. इस मामले में पारू के चक्की सुहागपुर ग्राम पंचायत की मुखिया ममता देवी को भी अभियुक्त बनाया गया है.


इन धाराओं के तहत दर्ज कराया गया मुकदमा


बता दें कि उत्तर बिहार निगरानी कोर्ट में यह मुकदमा आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 477 ए, 120 बी, 34 और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज कराया गया है. परिवाद में दिए गए सभी नेताओं और अधिकारियों पर मुखिया ममता देवी के साथ मिलकर फर्जी वोटर लिस्ट तैयार करने का आरोप लगाया गया है.


परिवादी के वकील ने कही ये बात


इस मामले में परिवादी के वकील जय चंद्र सहनी ने बताया कि मामला पारू प्रखंड के चक्की सुहागपुर का है, जहां पंचायत चुनाव के मद्देनजर बनाए गए मतदाता सूची में दूसरे जगह के मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है. आरोप है कि वो मतदाता पहले से ही दूसरे पंचायत के मतदाता हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में फर्जीवाड़ा करने के लिए उनका नाम जोड़ा गया है. फिलहाल, माममे में सुनवाई की अगली तारीख चार मार्च को रखी गई है.


यह भी पढ़ें -


तेजस्वी ने CM नीतीश पर साधा निशाना, कहा- झूठ के बादल सच के सूरज को छुपा नहीं सकते

पुलिस हिरासत में कैदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बेटी की हत्या के आरोप में किया गया था गिरफ्तार