बेतिया: पंडितों के संबंध में दिए गए विवादित बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री विपक्ष के साथ-साथ घटक दलों के भी निशाने पर हैं. वहीं, अब बेतिया कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है. बगहा से बीजेपी (BJP) के पूर्व विधायक आरएस पांडेय (RS Pandey) के भतीजे ने मांझी के विवादित बयान को लेकर बेतिया व्यवहार न्यायालय में एक परिवाद दर्ज कराया है.
23 तारीख को होगी अगली सुनवाई
बेतिया के सीजेएम न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और 23 दिसम्बर को सुनवाई की अगली डेट तय की गई है. परिवाद दायर करने वाले विवेक पांडेय का शपथ पर बयान होगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस बाबत परिवाद दायर करने वाले विवेक पांडेय ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी द्वारा दिए गए बयान पर आक्रोश व्यक्त करते हुए भड़ास निकाली.
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वहीं, मांझी के इस बयान पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं द्वारा कोई बयान नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई है. विवेक पांडेय ने मांझी द्वारा ब्राह्मण समाज से लिखित माफी मांगने की मांग की है. विवेक पांडेय के अधिवक्ता मुराद अली ने बताया कि परिवाद सीजेएम न्यायालय में 323, 500, 504 व 506 भारतीय दंड विधान की धारा के तहत दर्ज कराई गई है. इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा अपराध का संज्ञान लेते हुए 192 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिसपर 23 दिसम्बर को सुनवाई होगी.
मांझी ने कही थी ये बात
बता दें कि एक कार्यक्रम के दौरान मांझी ने कहा था, " माफ कीजिएगा, लेकिन आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म के प्रति लगाव होता जा रहा है. पहले हम लोग सत्यनारायण भगवान पूजा का नाम नहीं जानते थे. आज हर जगह हम लोगों के टोला में सत्यनारायण भगवान की पूजा होता है. पंडित आते हैं, पूजा कराते हैं. लेकिन हमारे घर खाना नहीं खाते, कहते हैं पैसे ही दे दीजिए.” इस दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे एबीपी न्यूज लिख भी नहीं सकता है.
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