Tirupati Laddu Controversy: देश के सुप्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामलाअब कोर्ट में चला गया है. बुधवार को मुजफ्फरपुर जिले के सीजेएम कोर्ट में याचिकाकर्ता अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने सनातन हिंदू धर्म की भावनाओं और अत्यंत पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का हवाला देते हुए तिरुपति के बालाजी मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी और तिरुपति बालाजी मंदिर के सचिव पर एक परिवाद दायर किया है.


अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दी जानकारी


अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए. इसके अलावा मंदिर में प्रसाद के रूप में जो लड्डू बनता है उसमें बीफ और मछली के तेल के मिलावट वाले घी को मिलाकर बिक्री कई गई है. इससे करोड़ों हिंदूओ धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है. 


19 अक्टूबर को होगी सुनवाई


आगे अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में मंदिर के प्रबंधक वाई वी सुब्बा रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी और सचिव के ऊपर परिवाद दर्ज कराया है. परिवाद में भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की धारा 298, 302, 196, 352, 274, 275  के तहत परिवाद दर्ज कराया गया है और कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 19 अक्टूबर 2024 सुनिश्चित किया है.


क्या है मामला?


बता दें कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ है. प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस मुद्दे पर पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है.


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