मुजफ्फरपुर: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ में बुधवार को मुजफ्फरपुर की कोर्ट में परिवाद दायर हुआ है. मंगलवार को सीएम नीतीश के जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए एक बयान को लेकर अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने परिवाद दायर कराया है. मामले में CJM कोर्ट में 25 नवंबर को किया सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई है. मामले में परिवादी अनिल कुमार सिंह ने बताया की सीएम नीतीश कुमार के द्वारा मंगलवार को जिस प्रकार से बयान दिया था यह गैर जिम्मेदाराना है और एक संवैधानिक पद पर रहते हुए दिया गया है, जो की महिलाओं और लड़कियों की भावनाओं को आहत करता है. इसे लेकर परिवाद दायर कराया गया है और इसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 25 नवंबर को सुनवाई करेगी.


सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर


बता दें कि मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवादी के द्वारा आईपीसी की धारा 354(D), 504, 505, 509 और आईटी एक्ट 67 के तहत मामला दर्ज कराया गया है. इस परिवाद को कोर्ट ने स्वीकार किया है और मामले में सुनवाई की तिथि 25 नवंबर 2023 निर्धारित की गई है. वहीं, मामले में परिवादी के अधिवक्ता मो. असलम साबिर ने बताया कि परिवादी के द्वारा मुख्यमंत्री के दिए गए एक बयान को लेकर मुजफ्फरपुर के सीजेएम की अदालत में परिवाद दायर किया गया है. इसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. 


नीतीश कुमार के इस बयान पर मचा है बवाल


वहीं, नीतीश कुमार मंगलवार को सदन में अपनी बात रख रहे थे इसी दौरान उन्होंने कहा, ''जब शादी होगा लड़का-लड़की का तो जो पुरुष है वो करता है न... उसी में वो पैदा हो जाता है. लड़की पढ़ लेती है तो वो करेगा ठीक है लेकिन... करता तो है. जान लीजिए कि संख्या घट रही है. इसमें कमी आई है...''


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