Bihar Politics: एनपीपी के मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने मामले को लेकर पूरे देश में सियासत शुरू हो गई है. इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो गई है. वहीं, इस पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने सोमवार को कहा कि बीजेपी के साथ कोई रह ही नहीं सकता है. बीजेपी जिस तरह से सरकार में दोहन करती है, ब्लैकमेल करती है उनके साथ रहना मुश्किल है. यहां देखिए नीतीश कुमार कितने परेशान हैं. वहीं, अखिलेश सिंह के इस बयान से बिहार में नीतीश सरकार को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है.
एनपीपी का मणिपुर सरकार से राह अलग
सीएम नीतीश के झारखंड में चुनाव प्रचार नहीं जाने पर अखिलेश सिंह ने कहा कि क्या वो जाएंगे... मन ही मन वो कितना दुखी हैं. वो तो वही बता सकते हैं. बता दें कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में सात विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने बीजेपी नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और दावा किया है कि बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है.’’
मणिपुर सरकार पर नहीं पड़ेगा असर
हालांकि, समर्थन वापसी से बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके पास 32 विधायकों के साथ बहुमत है. वहीं, इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार शाम छह बजे सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई.
ये भी पढ़ें: Bihar Politics: 'उन्हें समझ नहीं आ रहा हम चुनाव कैसे जीतें', राहुल गांधी पर सम्राट चौधरी ने कसा तंज