Akhilesh Singh On Akhilesh Yadav Statement: बिहार की राजनीति में आज (11 अक्टूबर) का दिन जेपी को श्रद्धांजलि देने के नाम पर हुई पॉलिटिक्स के बीच गुजर गया. यूपी सरकार की पुलिस ने जिस तरह से अखिलेश यादव को जेपी की प्रतिमा तक जाने से रोका, उसे लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी गहमागहमी रही. तमाम विपक्षी पार्टियों ने यूपी सरकार के इस कदम को गलत ठहराया. वहीं जेडीयू जेपी की पैरोकार होते हुए भी इस घटना की निंदा नहीं कर सकी. हालांकि सपा प्रमुख ने जेडीयू को बीजेपी से गठबंधन तोड़ लेने तक की सलाह दे दी. 


अखिलेश यादव के बयान पर बोले अखिलेश सिंह 


इन तमाम घटनाक्रम के बीच अखिलेश यादव के बयान पर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने ने कहा कि "अखिलेश यादव जैसे वरिष्ठ नेता को उनकी (जय प्रकाश नारायण) प्रतिमा पर जाने से रोका जाना प्रजातंत्र का अपमान है. नीतीश कुमार को उधर (NDA में) जाना ही नहीं चाहिए था, लेकिन अब ये उनके विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए कि वे क्या फैसला लेते हैं."






हालांकि जेडीयू प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस को इस पर बोलने का कोई हक नहीं है, कांग्रेस के कारण जेपी को कितना कष्ट हुआ ये सब जानते हैं. जेडीयू प्रवक्ता ने अखिलेश यादव के गठबंधन तोड़ लेने की सलाह पर कहा कि गठबंधन तोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि अखिलेश के पिताजी और नीतीश कुमार को जिस सरकार ने जेल के बंद रखा पहले उस कांग्रेस से अखिलेश यादव को अपने रिश्ते समाप्त करने चाहिए. 


एनआईसी जाने से सपा प्रमुख को पुलिस ने रोका 


बता दें कि आज यानी 11 अक्टूबर को जन नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है, जिसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित जेपी एनआईसी जाने का ऐलान किया था, लेकिन उससे पहले ही लखनऊ पुलिस ने उनके आवास पर बैरिकेडिंग कर दी. आवास के सामने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इसके विरोध में सपा नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही बैरिकेडिंग पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया. इसे लेकर बिहार में भी राजनीतिक बयानबाजी का दौर चलता रहा.


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