पटना: बिहार में कांग्रेस दल के नेता लगातार शराबबंदी कानून पर सवाल उठा रहे है. इसी क्रम में कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 21 दिसंबर को पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिस कर्मियों को शराब नहीं पीने की जो शपथ दिलायी है उसके लिये मैं पुलिस विभाग का मुखिया होने के नाते आपको धन्यवाद देता हूं.


उन्होंने कहा कि इससे एक हद तक यह भी साबित होता है कि 2016 में ली गयी शपथ पर लोग नहीं टिके. अगर इस तरह से लोग शपथ लेते और तोड़ते रहे तो यह एक अच्छा मजाक हो जायेगा. पुलिस विभाग बिना शपथ के यदि शराब का राज्य में प्रवेश निषेध कर दे तो किसी शपथ को औपचारिकता की आवश्यकता नहीं है. शराब पीना एक सोच है और वह सोच मूलतः एक ही बात पर निर्भर है वो है उपलब्धता. उपलब्धता होने पर यदि शराब पीने की सोच है तो लोग रोज शपथ लेंगे और रोज तोड़ेंगे.


पत्र में आगे उन्होंने लिखा कि अभी जो नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-20 आया है. उससे आप भी अवगत ही होंगे कि देश में गोवा जैसी जगह जहां शराब टैक्स फ्री है और खुलेआम हर घर, हर दुकान और हर रेस्टोरेन्ट में उपलब्ध है, वहां से भी अधिक खपत शराब की बिहार में है. मैंने पूर्व में जो शराब बंदी कानून की समीक्षा कर इसे समाप्त कर शराब की कीमत दोगुनी तिगुनी कर उससे प्राप्त धनराशि से उद्योग खोलने हेतु अनुरोध किया था यह पुलिस विभाग की शपथ तथा नेशनल फैमिली हेल्प सर्वे 2019-20 से प्रमाणित हो रहा है.


उन्होंने आगे लिखा मैंने सदन में भी अपने भाषण के दौरान यह आग्रह किया था कि या तो शराब बंदी पूरे तौर से लागू की जाय या इसकी समीक्षा की जाए.


गौरतलब है कि कांग्रेस ने बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में आपने मेनिफेस्टो में शराबबंदी कानून का जिक्र किया था कि शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिए. वहीं, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून को लेकर पत्र लिख चुके जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री जी बिहार में शराब जो है वह होम डिलीवरी हो रही है और करोड़ों का अवैध शराब बिक्री हो रही है.


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