मधुबनी: जिले में गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस (Congress) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद (Shakeel Ahmed) केंद्र सरकार पर पूरे हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र की सरकार जनता को बरगला रही है. केंद्रीय सरकार अपने कार्यकाल का रिपोर्ट जनता के सामने पेश करे. देश का प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि पिछले चार-साढ़े चार साल में जनता के विकास के लिए क्या किया? नौजवानों की बेरोजगारी के लिए क्या किया? किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या किया? लेकिन इन बातों को न बताकर देश के प्रधानमंत्री मुद्दे से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं. 
वहीं, आगे उन्होंने कहा कि बिहार में जातिगत गणना हुई है. कुछ अन्य राज्यों में भी इसे करने को लेकर बात चल रही है. एनडीए के जो भी दल जिन्होंने बिहार की जातीय गणना को लेकर कई सवाल उठाया है, वे एक साथ पीएम मोदी से अपील करें और पूरे देश में जातिगत गणना करवाएं.


कॉमन सिविल कोड पर बोले शकील अहमद 


डॉ. शकील अहमद ने कहा कि मुख्यतः तीन चीजों को मैं उजागर करना चाहता हूं. जिसमें पहला कॉमन सिविल कोड है. इसमें प्रधानमंत्री ने बिना किसी चर्चा के अपने मन से खुद इसे लागू करने की बात कह दी. जबकि 2018 में ही नरेंद्र मोदी की ही सरकार के लॉ कमीशन ने कह दिया था कि ये अभी प्रैक्टिकली संभव नहीं है. चूंकि देश में कॉन्फ्लिक्ट(द्वेष) करना है इसलिए ये आया. मुझे ये बात कहने में कोई गुरेज नहीं है कि कॉमन सिविल कोड किसी एक जात पर लागू नहीं हो सकता है. अलग-अलग धर्म, मूल, आदि की बात तो छोड़ दीजिए. देश में कानून के लिए आईपीसी एक है, सीआरपीसी एक है, एविडेंस एक्ट एक है, कानून एक है.


'हमारे देश में कितनी विविधता है'


कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे देश में कितनी विविधता है, लेकिन हिंदू और मुस्लिम दोनों में बेटे के साथ बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर हिस्सा मिलता है. सन् 2004 से 2009 के बीच पार्लियामेंट ने कानून भी पास कर दिया है. हमारे लक्षद्वीप में बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम हैं. वहां बेटियों को पैतृक संपत्ति में 100 प्रतिशत का हक है. वैसा ही पूर्व सांसद और मंत्री पीएसंगमा के मेघालय में भी बेटियां अपनी माता के संपत्ति की पूर्ण स्वामी होती हैं. इन दोनों जगहों पर बेटों को पैतृक संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं है, कोई अधिकार नही है.


पीएम मोदी पर साधा निशाना


डॉ. अहमद ने कहा कि इस देश में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध सहित हर धर्म में ब्लड रिलेशन में शादी हो रही है. जो संभव नहीं है उस पर चर्चा कराने की बात करते हैं, लेकिन 2 करोड़ नौकरी का क्या हुआ? महंगाई में 400 का सिलेंडर 1100 से 1200 तक पहुंच गया. एक और मुद्दा पीएम मोदी ने शुरू किए हैं कि इंडिया का नाम खत्म करना है. सरकार ने पचीसों स्कीम चलाई होगी जिसमें सब इंडिया है. मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, वोट फॉर इंडिया, आदि पीएम मोदी बोलते रहते थे, लेकिन, विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया रख लिया. इस डर से वे इंडिया का नाम हटाना चाह रहे हैं. भारत का नाम आर्यावर्त, भारत, हिंदुस्तान, इंडिया सहित चार नाम तो हम जानते हैं. हम कोशिश करेंगे कि एनडीए के विरुद्ध 'इंडिया' गठबंधन से वन टू वन मुकाबला करें.


मोदी सरकार पर शकील अहमद का हमला


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन की बात शुरू की है. पहले मुद्दा सामने रखिए, फिर उसपर रायशुमारी कीजिए. बिना कोई प्रारूप के की क्या करना चाहते हैं? कुछ भी शुरू कर देते हैं. प्रधानमंत्री ने कुछ काम नहीं किया है, इसलिए प्रधानमंत्री मुद्दों से भटकाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हमारे देश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में विश्व में हमारा 120वां स्थान है. 


ये भी पढ़ें: Madhubani News: जेपी नड्डा के कार्यक्रम में आने के दौरान BJP नेता ऋषिकेश राघव पर हमला, 5 लोग जख्मी, जानें पूरा विवाद