कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल को खल रही RJD सुप्रीमो लालू यादव की कमी, कहा- वो होते तो नहीं आती ऐसी नौबत
तेजस्वी के रवैये को लेकर उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि वो अड़ियलपन दिखा रहे हैं. मेरे और लालू जी बीच में अच्छे संबंध हैं और लालू जी सुलझे इंसान हैं.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी है. इसी क्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की जमकर तारीफ की, वहीं तेजस्वी के सवाल पर वो बचते दिखे और कम से कम शब्दों में जवाब दिया. उनकी बातों से ऐसा लग रहा था कि उन्हें लालू यादव की कमी खल रही है.
गठबंधन तोड़ने का हुआ नुकसान
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हम पहले से ही कह रहे हैं कि बिहार में लोग बीजेपी-जेडीयू से त्रस्त हैं, इसलिए सेक्युलर और लाइफ माइंडेड पार्टी को साथ आकर बिहार को एक अच्छा ऑप्शन देना है. लालू जी पॉलटिक्स को बिल्कुल ही समझे हुए इंसान हैं. उन्होंने देखा है 2009 और 2010 में कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने का नतीजा कि कितना बड़ा नुकसान सेक्युलर पार्टियों को हुआ.
तुरंत होनी चाहिए बातें
उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस दोनों को नुकसान हुआ था, जिसके बाद 2015 में लालू जी ने सूझबूझ से कांग्रेस से तुरंत गठबंधन किया. लेकिन आज वो जेल में हैं, उनको गलत तरीके से बहुत परेशान किया गया. उनका बेल भी नहीं होने दिया गया. तेजस्वी युवा चेहरा हैं और मेरे मानने से जो कम अनुभवी लोग होते हैं, उनको कोई भी गुमराह कर सकता है, अब ये आरजेडी के पाले में है कि जो बातें हुईं हैं उसमें इधर-उधर न हो और तुरंत हो ये मांग है.
तेजस्वी के संबंध में कही यह बात
तेजस्वी के रवैये को लेकर उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि वो अड़ियलपन दिखा रहे हैं, मेरे और लालू जी बीच में अच्छे संबंध है और लालू जी सुलझे इंसान हैं. वो कहते भी थे कि उन्हें कांग्रेस के साथ रहना है और 2015 में आप देख सकते हैं और इसबार हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि इसबार लालू जी स्वस्थ भी नहीं है और जेल में हैं. बाहर होते तो इसकी नौबत ही नहीं आती. साथी दल के बातों पर पलटवार नहीं होनी चाहिए मेरा आग्रह था कि हम वामदलों को साथ रखकर लड़े.
आरजेडी से अलग होने के सवाल पर कही यह बात
गोहिल ने कहा कि हम आइडोलीजिकल कमिटमेंट वाले लोग हैं और सोच की लड़ाई लड़ते हैं. आप देखे 2005 में तो आरजेडी से हमारा समझौता नहीं हुआ लेकिन रिजल्ट आने के बाद ही आरजेडी के सरकार बने इसके लिए हमने आरजेडी को समर्थन दिया और वो सरकार बनी. आज भी लालू जी से हमारा पुराना रिश्ता रहा है और अगर किसी न किसी वजह से उनके ऊपर भी कोई कंपेरिजन होता है तो कांग्रेस है और साथियों का दबाव भी है कि जल्द हो हम नहीं चाहते हैं. आरजेडी से अलग हो अगर ऐसी नौबत खड़ी होती है तो हम भी एक राजनीतिक दल है और हम भी अपनी एक्ससरसाइज कर रहे हैं लेकिन हम नहीं चाहते की यह हो.
हाथरस घटना के संबंध में कही यह बात
तेजस्वी युवा चेहरा हैं और उनको आगे जाना है मैं कोई सवाल भी खड़े नहीं कर रहा हूं. हमारा पूरा दमखम है अकेले सरकार बनाने की हम जब भी साथ रहे या नहीं रहे देश की जनता जानती है कि कांग्रेस फासिस्ट लोगों के खिलाफ लड़ती है. एक दलित के बेटी को जिस बेरहमी से मारा गया हाथरस में, बच्ची के माता-पिता को उनका मुंह तक नही देखने दिया गया, घर नहीं लाया गया जबरन श्मशान ले जाकर जलाया गया, उनको लॉक कर दिया.
उन्होंने कहा कि पॉलटिक्स में समय बलवान होता है कोई व्यक्ति पुरुष नहीं तो कुछ भी हो सकता है. लोकतंत्र में जनता महान वो किसी को उठाकर सिर पर बैठती है और चाहती है तो जमीन पर फेंक देती है. हमारी बातें होती रहती है और उसी के आधार पर अंतिम निर्णय चाहते हैं.