Congress RJD Seat Sharing Formula: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) के बीच सीट शेयरिंग (Seat Sharing) का फॉर्मूला तय नहीं होने से कांग्रेस के ज्यादातर नेता नाराज हैं. दिल्ली में दो दिन बैठक हुई लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. सूत्रों की मानें तो गांधी परिवार सहित अधिकांश कांग्रेस के शीर्ष नेता लालू की पार्टी के रवैये से नाखुश हैं. समझौते के पक्ष में नहीं हैं.
हालांकि नाराजगी को लेकर संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि अकेले जाने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा. वहीं दूसरी ओर बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी इसी के पक्ष में हैं.
ऐसे में केसी वेणुगोपाल और अखिलेश प्रसाद सिंह के बयान से समझें तो यह माना जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस अकेले जाकर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है. एक तरफ इससे महागठबंधन में गलत संदेश जाने का डर है तो वहीं दूसरी ओर इससे पार्टी को ज्यादा नुकसान की संभावना भी जताई जा रही है.
कांग्रेस के लिए 9 सीट पर फाइनल हो सकती है बात
सूत्रों की मानें तो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार हो गया है. आज गुरुवार (28 मार्च) को इसकी घोषणा भी हो सकती है. आरजेडी खुद अपने पास 26 सीट रखेगी तो वहीं कांग्रेस को 9 सीट दे सकती है. इसके अलावा वाम दल को पांच सीटें दी जा सकती हैं. उधर पप्पू यादव वाली पूर्णिया सीट कांग्रेस के हाथ से फिसल चुकी है. वहां से आरजेडी ने बीमा भारती को सिंबल दे दिया है.
वहीं दूसरी ओर चर्चा इस बात की भी है कि अगर मुकेश सहनी की पार्टी सीटों के समझौते पर तैयार होती है तो महागठबंधन से मौका दिया जा सकता है. कुछ सीटें देनी पड़ेगी तो इसके लिए लालू की पार्टी आरजेडी अपने खाते से इसे दे सकती है. 2019 में सहनी की पार्टी वीआईपी को तीन सीट मिली थी.
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