नई दिल्ली: कांग्रेस ने बाबरी विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को लेकर बुधवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी. साथ ही, पार्टी के कई नेताओं ने दावा किया कि बीजेपी के प्रयास करने पर भी इस मुद्दे का बिहार विधानसभा चुनाव में असर नहीं होगा. फैसला आने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह पिछले साल आये सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल है और संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस 'तर्कविहीन निर्णय' के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी.


कांग्रेस के इस रुख के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''संवैधानिक परिपाटी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले और वैचारिक प्रतिबद्धता के चलते हमने यह रुख अपनाया है. इसे बिहार चुनाव से जोड़कर देखना उचित नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''हमारा मानना है कि इस फैसले का बिहार चुनाव में कोई असर नहीं होगा.''


यह बिहार के लोगों के लिए मुद्दा नहीं है- कांग्रेस


बिहार में कांग्रेस चुनाव प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''पार्टी ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर प्रतिक्रिया दी है. हमारा मानना है कि इसे बिहार चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. यह बिहार के लोगों के लिए मुद्दा नहीं है.'' बाबरी मामले पर फैसले के दिन कोरोना वायरस संबंधी दिशानिर्देशों के बीच कांग्रेस मुख्यालय पर टिकट के आकांक्षी बड़ी संख्या में मौजूद रहे. इनमें से कई लोग इस फैसले की चर्चा करते देखे गए.


बिहार की सीतामढ़ी सीट से टिकट के आकांक्षी मोहम्मद शम्स शाहनवाज ने कहा, ''इस फैसले से कांग्रेस के लिए मायूस होने वाली कोई बात नहीं है. बीजेपी का काम है कि वह इस तरह के मुद्दों को चुनाव में हवा देगी, लेकिन बिहार प्रेम और सद्भाव की भूमि है, वहां बांटने की राजनीति सफल नहीं होगी.'' विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने की उम्मीद लगाए मधुबनी से कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे राजीव कुमार का कहना है, ''बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का 15 साल का कामकाज, कोरोना संकट और बाढ़ जैसे मुद्दे होंगे. लेकिन बीजेपी जरूर कोशिश करेगी कि अयोध्या और बाबरी जैसे मुद्दों को हवा दी जाए.''


कांग्रेस के इस कड़े रुख की ये है वजह


उधर, कांग्रेस के इस कड़े रुख के बारे में पूछे जाने पर 'सेंटर फॉर स्टडी ऑफ द डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के निदेशक संजय कुमार ने कहा, ''आम तौर पर कांग्रेस इस तरह के मुद्दों पर सधी हुई प्रतिक्रिया देती है, लेकिन इस बार उसने कड़ा रुख अपनाया है. निश्चित तौर पर उसने बिहार के अल्पसंख्यक मतदाताओं को एक संदेश देने की भी कोशिश की है.''


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी. चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद भी अब तक कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.


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