पटना: बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार से लेकर सदन तक महागठबंधन के नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul gandhi) को हुई सजा के मामले में शुक्रवार को मार्च निकाला. सबसे बड़ी बात यह रही कि इस मार्च से सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी गायब रही. नेताओं ने विधानसभा परिसर में बैनर-पोस्टर लेकर विरोध जताया गया. इस दौरान खूब नारेबाजी भी की गई. सदन के अंदर भी इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ. सदन में भी जेडीयू की ओर से कुछ नहीं कहा गया.


लोकसभा चुनाव को लेकर डर गई है बीजेपी


अजित शर्मा (कांग्रेस), जीतन राम मांझी (HAM), भाई वीरेंद्र (आरजेडी) ने एक जैसी बात कही. नेताओं ने कहा कि न्यायालय का राजनीतिकरण बंद किया जाए. विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग तो पहले से ही हो रहा है. कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी डरी हुई है इसलिए विरोधियों के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा. विपक्ष डरने वाला नहीं है.


बीजेपी ने उठाया महंगी बिजली का मुद्दा


इस मामले में एक तरफ बिहार विधानसभा में सदन के अंदर हंगामा हुआ और  महागठबंधन के नेता राहुल गांधी को हुई सजा के मुद्दे को उठा रहे थे तो दूसरी ओर बीजेपी ने महंगी बिजली का मुद्दा उठाया. ऐसे में सदन में महागठबंधन और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. जेडीयू ने सदन में भी कुछ नहीं कहा.


बता दें कि सूरत की एक अदालत ने "मोदी उपनाम" संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. 15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में बयान दिया था. ललित मोदी और नीरव मोदी के साथ नरेंद्र मोदी का नाम लिया था.


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