Bharat Ratna Karpoori Thakur: मोदी सरकार ने मंगलवार (23 जनवरी) को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का फैसला लिया. इस फैसले पर अब विपक्षी पार्टियां भी क्रेडिट लेने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि यह फैसला मोदी सरकार की हताशा को दर्शाता है.


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ''सामाजिक न्याय के प्रणेता जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिया जाना भले ही मोदी सरकार की हताशा और पाखंड को दर्शाता है, फिर भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करती है.'' 


उन्होंने कहा, ‘भागीदारी न्याय भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच स्तंभों में से एक है, इसके आरंभिक बिंदु के रूप में राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की आवश्यकता होगी. राहुल गांधी लगातार इसकी वकालत करते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के नतीजे जारी करने से इनकार कर दिया है और एक नई राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने से भी इनकार कर दिया है.'' 


जयराम रमेश ने कहा कि सभी वर्गों को भागीदारी देने के लिए जातिगत जनगणना कराना ही सही मायनों में जननायक कर्पूरी ठाकुर को सबसे उचित श्रद्धांजलि होती, मगर मोदी सरकार इससे भाग रही है.






वहीं कांग्रेस नेता तारीक अनवर ने कहा कि मैं इस कदम का स्वागत करता हूं. वह भारत रत्न के हकदार हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए बहुत कुछ किया. इससे एक बात तो साफ है कि बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया है. कर्पूरी ठाकुर द्वारा सामाजिक न्याय के लिए दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.






मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को ऐसे समय में भारत रत्न देने का फैसला लिया है जब उनकी आज (बुधवार, 24 जनवरी) 100वीं जयंती है.


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