Corona Death: बिहार और आंध्र प्रदेश में कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को नहीं मिला मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बावजूद कोविड-19 पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने पर बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को आज ही कोर्ट में तलब किया है. कोर्ट ने कहा "वे कानून से ऊपर नहीं हैं!"
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Supreme Court on Corona Death: बिहार और आंध्र प्रदेश में कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के बावजूद कोविड-19 पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने पर बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब किया है. कोर्ट ने कहा "वे कानून से ऊपर नहीं हैं!" दोनों ही राज्यों के मुख्य सचिव को आज ही दोपहर 2 बजे कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव को कारण बताना चाहिए कि अनुपालन न करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. पीठ ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि COVID-19 के कारण मरने वाले व्यक्ति के परिजन को मुआवजा देने के पहले के निर्देश के बावजूद और बार-बार निर्देश जारी किए जाते हैं. कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य कोर्ट के आदेशों और समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुपालन में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.
भुगतान नहीं करना हमारे आदेश की अवज्ञा के समान: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि लोगों को भुगतान न करने का कोई औचित्य नहीं है. पात्र दावेदारों को भुगतान नहीं करना हमारे पिछले आदेश की अवज्ञा के समान होगा, जिसके लिए मुख्य सचिव कोर्ट की अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हैं. कोर्ट ने कहा कि पहले पारित आदेश के बाद आंध्र प्रदेश में दर्ज किए गए 14,471 मामलों में लगभग 36,000 दावे प्राप्त हुए थे, लेकिन वकील के अनुसार लगभग 31,000 आवेदन सही पाए गए, जिसमें सिर्फ 11,000 को मुआवजा दिया गया है.
बिहार के मामले में भी लगाई फटकार
वहीं बिहार के मामले में पीठ इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि केवल 12,000 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई है. कोर्ट ने कहा कि आप डेटा अपडेट भी नहीं करते, आपके हिसाब से सिर्फ 12,000 लोगों की मौत हुई है. हम सही तथ्य चाहते हैं. बिहार को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में संख्या हमारे पिछले आदेश के बाद बढ़ी है. इससे पहले, पीठ ने राज्यों को प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में आवेदन प्रक्रिया का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया था ताकि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा योजना से अवगत कराया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के लिए 50,000 रुपये की मुआवजा राशि को मंजूरी दी है. पीठ गौरव कुमार बंसल बनाम भारत संघ के मामले पर विचार कर रही थी, जिसमें यह कोरोना से मौतों के लिए अनुग्रह राशि के वितरण की निगरानी कर रहा है.
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