औरंगाबाद में फिर धीरे-धीरे पांव पसार रहा कोरोना संक्रमण, पिछले 6 दिनों में मिले इतने नए मरीज
डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि जिले में 5 सितम्बर तक 1,11,250 लोगों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है. इनमें से मात्र 2788 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि 2409 लोग कोरोना को मात देकर अपने कार्य मे जुट चुके हैं.
औरंगाबाद: जिले में कोरोना संक्रमण एक बार फिर धीरे-धीरे अपना पांव पसार रहा है. अगर पिछले 6 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह स्पष्ट है कि संक्रमण का प्रसार बढ़ता चला जा रहा है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 31 अगस्त को जिले में 22 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे. वहीं 1 सितंबर को यह आंकड़ा थोड़ा बढ़कर 25 हुआ, फिर 2 सितंबर को 39 तक जा पहुंचा. संक्रमण की रफ्तार अगर यहीं थम जाती तो राहत की बात होती, लेकिन इसका प्रसार 3 सितम्बर को 46, 4 सितम्बर को 64 और 5 सितंबर को 66 तक जा पहुंचा.
0.67 प्रतिशत था संक्रमण का आंकड़ा
आंकड़ों को देखें तो पिछले दिनों से पहले संक्रमण का प्रतिशत 0.67 प्रतिशत था और संक्रमण के इस प्रतिशत से जिले का स्वास्थ्य महकमा में राहत में था और जिला प्रशासन ने इस प्रतिशत को कम करने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोगों को जागरूक करने और उनकी कोविड-19 की जांच करने में जुटी हुई थी. इसके लिए मोबाइल जांच टीम के साथ-साथ सभी प्रखंडों में जांच केंद्र खोले गए और लोगों के सैम्पल लिए जाने लगे.
गाइडलाइंस का पालन नहीं करना पड़ा महंगा
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे की ओर से किए जा रहे इस प्रयास का फायदा यह हुआ कि समय रहते संक्रमितों की पहचान हुई और उन्हें आइसोलेट कर कोरोना संक्रमण का प्रसार काफी हद तक रोका जा सका. जांच की इस कार्रवाई से यह लगने लगा था कि कोरोना वायरस का प्रकोप जिले में धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है. लेकिन जिले के लोगों की ओर से कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुसरण नहीं करने की वजह से 5 सितंबर को कुल जांच के बाद आंकड़ों पर गौर करें तो यह प्रतिशत 2.51 तक पहुंच गया.
अब तक 2788 लोग हुए संक्रमित
डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि जिले में 5 सितम्बर तक 1,11,250 लोगों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है. इनमें से मात्र 2788 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि 2409 लोग कोरोना को मात देकर अपने कार्य मे जुट चुके हैं. लेकिन इस संक्रमण का शिकार हुए दस लोग असमय काल के गाल में समा गए. फिर भी सुकून देने वाली बात यह है कि जिले में मौत का प्रतिशत .009 है, जो देश के अन्य हिस्सों से काफी कम है. लेकिन इस मौत के प्रतिशत को कम करने में कई चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी संक्रमण का शिकार हो गए. बावजूद इसके टीम के सदस्यों ने हार नहीं मानी और कोरोना वॉरियर बन अपनी सेवा देते रहे और मौत के आंकड़ों को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जिलाधिकारी ने की कोरोना वॉरियर्स की सराहना
उन्होंने बताया, "जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने वाले समस्त टीम को इस बात के लिए बधाई दी है कि अल्प संसाधन होने के बावजूद यहां के चिकित्सक जिस हौसले और विश्वास के साथ कोरोना को हराने में लगे हुए हैं, वह अपने आप में एक मिशाल है. जिला प्रशासन इसके लिए कोरोना वॉरियर के रूप में कार्य कर रहे कई चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी कर चुकी है.