रोहतास: सोमवार को रक्षाबंधन है लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से परिवहन सेवा बाधित है. ऐसे में इस बार ज्यादातर बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएगी. इस बात का भाई-बहन दोनों के मन में मलाल है कि वे इस बार रक्षाबंधन पर मिल नहीं पाएंगे. खासकर कोरोना से जारी जंग में फ्रंट लाइन में खड़े बिहार पुलिस के जवान छुट्टी नहीं मिलने की वजह से भी बहन के पास नहीं जा पा रहे. ऐसे में उन्होंने अपने-अपने तरीके से राखी मानने की प्लानिंग कर ली है.


अनुसूचित जाति-जनजाति थाना के थानाध्यक्ष राम निहोरा राम ने कहा कि वह मूल रूप से कैमूर जिले के रहने वाले हैं. इस वर्ष राखी के अवसर पर घर नहीं जाने का मलाल रहेगा. जनता की सेवा सबसे बड़ा सेवा है. प्रत्येक वर्ष में राखी पर बहन के घर जाता था. लेकिन इस वर्ष थाना में रहकर ही राखी मनाएंगे. ऑनलाइन राखी बांधने का कार्यक्रम होगा.


डेहरी नगर थाने में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि उनकी बहन बेबी कुमारी झारखंड के दुमका में रहती हैं. प्रत्येक वर्ष वह पदस्थापन जिले में आकर उन्हें राखी बांधती थी. इस बार वाहनों का परिचालन नहीं होने के कारण वह रक्षा बंधन में नहीं आ पाएगी. उन्होंने कहा, "बहन ने फोन कर कहा कि भैया इस बार माफ कर दीजिए. कोरोना के कारण मैं राखी नहीं बांधी पाऊंगी."


डेहरी नगर थाने के एसएचओ चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि उनकी बहन मीनाक्षी बेंगलुरु में रहती हैं. फोन पर 2 दिन पहले ही राखी को लेकर बहन से बातचीत हुई थी. कोरोना संक्रमण की वजह से ट्रेनों का परिचालन बाधित है. ऐसे में इस बार बहन राखी बांधने नहीं आ पाएगी, इसलिए राखी भेज दी है. अब थाने की बहनों के साथ ही राखी मनाऊंगा."


एससी एसटी थाना में पदस्थापित एएसआई मुकेश कुमार पासवान ने कहा कि उनका घर भागलपुर जिले में है. उनकी एक बहन है लक्ष्मी देवी जो झारखंड के साहिबगंज में रहती है. प्रत्येक वर्ष राखी के अवसर पर वह गांव जाते थे. इस वर्ष जो स्थिति है, उस कारण वह गांव नहीं जा रहे हैं. इस वर्ष वह पोस्ट के माध्यम से आने वाले राखी को पंडितजी से अपने कलाई पर बांध लेंगे और अपने थाना में पौधारोपण करेंगे.